कोटद्वार : घनी आबादी के बीच मौजूद हैं पटाखों के छह गोदाम, हादसे का अंदेशा
News Uttaranchal : लंबे समय से गोदामों को आबादी से बाहर ले जाने की कर रहे मांग
रुड़की में अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए धमाके के बाद पौड़ी जिले का पुलिस प्रशासन भी हरकत में आ गया है। पुलिस प्रशासन कोटद्वार, लक्ष्मणझूला व श्रीनगर में स्थित पटाखों के होलसेल विक्रेताओं के गोदामों का संयुक्त निरीक्षण करेगी। जरूरत महसूस हुई तो इनका लाइसेंस निरस्त कर गोदामों को आबादी से बाहर भेजा जाएगा।
कोटद्वार में पटाखों के छह बड़े होलसेलरों के गोदाम हैं, जो घनी आबादी के बीच से पटाखों का कारोबार कर रहे हैं। शहरवासियों का कहना है कि पटाखा कारोबारियों को कई साल पहले ये लाइसेेंस जारी हुए थे। तब शहर की आबादी कम थी, लेकिन अब कई गुना बढ़ चुकी है। अग्निशमन व पुलिस प्रशासन की भूमिका वर्तमान में इन गोदामों को एनओसी जारी करने तक ही सिमट गई है। इन गोदामों से 15 विकासखंडों एवं दूसरे जनपदों में भी शादी बारात, दशहरा व दीवाली के समय बड़ी मात्रा में पटाखों की आपूर्ति होती है। सबसे ज्यादा खतरा घनी आबादी वाले सुमन मार्ग और पटेल मार्ग पर बना है।
पूर्व सैनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष जीके बड़थ्वाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैप्टन सीपी डोबरियाल, नागरिक मंच के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश नैथानी, गोविंद डंडरियाल का कहना है कि बढ़ती आबादी को देखते हुए पटाखे के होलसेल गोदामों को आबादी से दूर शिफ्ट किया जाना चाहिए।
शहर में पटाखे के छह होलसेलरों के गोदाम हैं। जिसमें सुमन मार्ग पर एक, अंबे काम्पलैक्स में एक, सतेंद्र नगर में एक, पटेल मार्ग पर दो और बद्रीनाथ मार्ग पर एक गोदाम है। अग्निशमन विभाग केवल लाइसेंस धारकों के अग्निशमन यंत्रों का निरीक्षण कर एनओसी प्रदान करता है। अन्य मानकों का निर्धारण प्रशासन की ओर से होता है।
-सुरेश चंद्र, अग्निशमन अधिकारी कोटद्वार।
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रुड़की हादसे के बाद आबादी में बने होलसेल गोदामों का प्रशासन के साथ संयुक्त निरीक्षण किया जाएगा। पौड़ी जिले में कोई अवैध फैक्टरी तो नहीं है, लेकिन गोदामों से संभावित खतरे का आकलन कर आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
-श्वेता चौबे, एसएसपी पौड़ी।