अमेरिका : राष्ट्रपति के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी : राष्ट्रपति बना तो शिक्षा विभाग को करेंगे खत्म
News Uttaranchal : रामास्वामी ने कहा कि आज हमें चीन से भी आजादी पाने की जरूरत है। अगर आज थॉमस जेफरसन जिंदा होते तो वह डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस की जगह डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस फ्राम चाइना पर हस्ताक्षर करते।
अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के दावेदार विवेक रामास्वामी का कहना है कि अमेरिका राष्ट्रीय पहचान के संकट से जूझ रहा है। रामास्वामी ने कहा कि अमेरिकी लोगों के जीवन का कोई उद्देश्य नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि देश से शिक्षा विभाग और जांच एजेंसी एफबीआई को खत्म कर देना चाहिए। बता दें कि वॉशिंगटन में रिपब्लिकन पार्टी का सालाना कार्यक्रम कंजरवेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस आयोजित हो रहा है। इस कार्यक्रम को 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के दावेदार संबोधित कर रहे हैं। बता दें कि निकी हेली, विवेक रामास्वामी और डोनाल्ड ट्रंप पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के दावेदार हैं। पांच मार्च को विवेक रामास्वामी ने कार्यक्रम के दौरान अपना भाषण दिया। जिसमें रामास्वामी ने कहा कि अमेरिका पहचान के संकट से जूझ रहा है।
‘अमेरिकियों के पास नहीं है विजन’
रामास्वामी ने कहा कि मैं 37 साल का हूं और मेरी तरह ही मेरी पीढ़ी के लोगों के पास कोई उद्देश्य ही नहीं है। हमारे अंदर कुछ करने की भूख नहीं है। एक समय था, जब अमेरिकी लोगों के जीवन का उद्देश्य था, उनमें आस्था थी, देशभक्ति थी, वह मेहनती थे और परिवार था…लेकिन आज ये सब चीजें खत्म हो चुकी हैं। आज हमारे पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि एक अमेरिकी होने का मतलब क्या होता है। आज रिपब्लिकन पार्टी के पास मौका है कि वह इस खाली जगह को भर सकती है और अमेरिका के लोगों को एक विजन और राष्ट्रीय पहचान दे सकती है। विवेक रामास्वामी ने कहा कि उनका एजेंडा ‘अमेरिका फर्स्ट’ का है। उन्होंने कहा कि हमें यह फिर से पता करना होगा कि अमेरिका क्या है। अमेरिका में Wokeness(जागृति) एक जहर की तरह देश को भ्रमित कर रही है।
‘तीन सेक्युलर धर्मों ने पहुंचाया नुकसान’
रामास्वामी ने अपने भाषण में कहा कि अमेरिका को तीन धर्मनिरपेक्ष धर्मों- नस्ल, लिंग और जलवायु ने असमंजस की स्थिति में पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि पहले तो अमेरिकी लोग त्वचा के रंग से अपनी पहचान को जोड़ते हैं और वहां योग्यता पर किसी का ध्यान नहीं है। अगर कोई व्यक्ति गोरा है तो वह उच्च है और जो काला है वो निम्न। इससे अमेरिका में डर का माहौल पैदा हुआ है। यह हमारे देश की आत्मा के लिए कैंसर की तरह है। रामास्वामी ने लैंगिक भेदभाव और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों को भी अमेरिका के लिए समस्या बताया। हमें कार्बन उत्सर्जन कम करने की जरूरत है और इसके लिए न्यूक्लियर ऊर्जा को अपनाना होगा क्योंकि इससे कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है।
‘चीन के असर से मुक्त होने की जरूरत’
रामास्वामी ने कहा कि आज हमें चीन से भी आजादी पाने की जरूरत है। अगर आज थॉमस जेफरसन जिंदा होते तो वह डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस की जगह डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस फ्राम चाइना पर हस्ताक्षर करते। विवेक रामास्वामी ने कहा कि हमें अमेरिकी कंपनियों के चीन में बिजनेस करने पर प्रतिबंध लगाना होगा। खासकर तब तक जब तक चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी का पतन नहीं हो जाता या फिर वह अपने आप को पूरी तरह से बदल नहीं लेती। हमें आज चेंबरलेन की नहीं चर्चिल की जरूरत है। हमें मतदान चक्र की बजाय इतिहास के परिपेक्ष से सोचना होगा।
विवेक रामास्वामी ने कहा कि हमें शिक्षा विभाग को खत्म करने की जरूरत है। साथ ही हमें एफबीआई को भी खत्म करने और इसकी जगह एक दूसरी एजेंसी को लाने की जरूरत है क्योंकि हमें जे एडगर हूवर की उस नीति को खत्म करने की जरूरत है, जिसमें उन्होंने अमेरिका को स्व-शासन देश बनाया था।