News Uttaranchal : हरिद्वार जिले में नंदा गौरा योजना का लाभ लेने को आवेदनकर्त्ताओं की ओर से फर्जी आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का बड़ा खेल पकड़ में आया है। इस खेल में कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) की भूमिका भी सामने आयी है।
हरिद्वार जिले में नंदा गौरा योजना का लाभ लेने को आवेदनकर्त्ताओं की ओर से फर्जी आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का बड़ा खेल पकड़ में आया है। सीडीओ ने योजना के पहले और दूसरे चरण के अंतर्गत ऐसे 193 मामले पकड़े हैं।
ऐसे आवेदनों को निरस्त करते हुए जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने आवेदनकर्त्ताओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। इस खेल में कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) की भूमिका भी सामने आयी है। प्रशासन इसके विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई के मूड में है।
आय प्रमाण पत्रों में फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर सीडीओ ने सभी विभागों के अधिकारियों को उनके विभागों की जो भी इस तरह की योजनाएं गतिमान हैं उनकी भी जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
बाल विकास परियोजना के माध्यम से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के अंतर्गत नंदा गौरा योजना संचालित की जा रही है। योजना के तहत छह माह से कम उम्र की बालिकाओं को 11 हजार रुपये और 12वीं पास करने के उपरांत 51 हजार रुपये दिए जाने का प्राविधान है।
इसके लिए आवेदनकर्त्ता की वार्षिक आय 72 हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। मूल निवास प्रमाण पत्र, 12वीं पास का सर्टिफिकेट समेत अन्य दस्तावेज भी देने होते हैं।
सीडीओ प्रतीक जैन को नंदा गौरा योजना के पहले और दूसरे चरण के अंतर्गत आवेदनकर्त्ताओं की ओर से फर्जी आय प्रमाण पत्र संलग्न कर फर्जी तरीके से योजना का लाभ लेने की शिकायतें मिल रही थी।
इसे गंभीरता से लेते हुए सीडीओ ने जिला कार्यक्रम अधिकारी सुलेखा सहगल को आय प्रमाण पत्रों की गहनता से जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। जिला कार्यक्रम अधिकारी की ओर से सौंपी गयी रिपोर्ट में बड़ा खेल पकड़ में आया है।
सीडीओ प्रतीक जैन ने बताया कि महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में वित्तीय वर्ष 2022-23 में नंदा गौरा योजना के अंतर्गत जिले में प्रथम चरण में बालिका के जन्म संबंधी कुल 1328 आवेदन पत्र प्राप्त हुए।
इनकी गहनता से जांच में 70 आवेदन पत्र ऐसे थे जो आय प्रमाण पत्र की दृष्टि से फर्जी पाए गए। वहीं, योजना के दूसरे चरण 12वीं पास के अंतर्गत कुल 4174 आवेदन प्राप्त हुए। जांच पड़ताल में 123 ऐसे आवेदन पत्र पकड़ में आए, जिनमें छेड़छाड़ की गयी थी।
इस प्रकार कुल 193 आय प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। ऐसे आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है। सीडीओ की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने तत्काल ऐसे आवेदनकर्त्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
लापरवाही बरतने पर संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि इस खेल में सीएससी सेंटरों की संलिप्तता की बात भी सामने आयी है।
बताया कि कई सीएससी सेंटर सरकारी योजनाओं के लिये जारी किए गए विभिन्न प्रमाण पत्रों में हेराफेरी कर जरूरत अनुरूप उनमें बदलाव करते हैं जो गैर कानूनी है। इस तरह के कृत्य में लिप्त सीएससी सेंटरों के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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