H3N2 Influenza: उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, हल्द्वानी की लैब में दो मरीजों में हुई वायरस की पुष्टि

Share This News

News Uttaranchal :   एच-3 एन-2 वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता बढ़ने लगी है। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में दो सैंपल में इस वायरस के मिलने की पुष्टि हुई है। हालांकि, चिकित्सकों का कहना है कि जितने सैंपल की जांच हुई है, उसकी तुलना में यह संख्या काफी कम है।

प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में सबसे पहले कोविड संक्रमण की जांच की सुविधा शुरू हुई थी। बाद में जांच का दायरा बढ़ाया गया और मेडिकल कॉलेज में स्वाइन फ्लू समेत अन्य इंफ्लुएंजा की जांच की सुविधा शुरू की गई। अगस्त-2021 से लैब में करीब 1700 से अधिक सैंपल की जांच हुई है। बीती सात मार्च को एच3 एन2 वायरस के दो मरीजों की पुष्टि हुई है। मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश ने एच3 एन2 वायरस मिलने की पुष्टि की है।

घबराने की जरूरत नहीं है। इंफ्लुएंजा फ्लू है। इंफ्लुएंजा वाले मरीज और चिकित्सकों को मास्क पहनने की हिदायत दी जा रही है। सभी लोग आवश्यक सावधानी बरतें। बीमारी के मद्देनजर आइसोलेशन वार्ड बनाने समेत निर्देश जल्द जारी किए जाएंगे।-डॉ. भागीरथी जोशी, सीएमओ

 

इन बातों का रखें ध्यान
वरिष्ठ टीबी एंड चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव सिंघल कहते हैं कि इन दिनों लगातार बुखार, कफ, खांसी की शिकायत को लेकर रोगी पहुंच रहे हैं। मरीज को सही होने में काफी समय लग रहा है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

ये सावधानी बरतें…

 

  • हाथाें की नियमित सफाई करते रहें
  • भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें
  • मास्क लगाएं
  • पौष्टिक आहार लें
  • सामाजिक दूरी का पालन करें

 

वहीं, स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सीजनल इन्फ्लूएंजा (एच1एन1, एच3एन2 आदि) से बचाव के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत सीएचसी ही नहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) स्तर तक पीपीई किट, एन-95 मास्क आदि उपलब्ध कराने को भी कहा गया है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक अस्पतालों के स्तर पर इन्फ्लूएंजा से संबंधित मामलों की सघन निगरानी की जाए।

इस पर प्रभावी रोकथाम के लिए रोगियों का वर्गीकरण करने, क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल, होम केयर, सैंपल एकत्र करने की प्रक्रिया अलग की जाएगी। सभी जिला, बेस, संयुक्त चिकित्सालयों में इलाज के लिए आइसोलेशन बेड, वार्ड, आईसीयू, वेंटिलेटर आदि की व्यवस्था करने को कहा गया है।

इन्फ्लूएंजा के मामले में रोगी की पहचान, त्वरित उपचार व मरीज की गंभीर हालत में रेफर करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। संदिग्ध मौत होने पर मरीज का डेथ ऑडिट होगा। जिसके लिए ऑडिट कमेटी गठित करनी होगी। यह रिपोर्ट तीन दिन के भीतर महानिदेशालय को उपलब्ध करानी होगी।

2019 में आए थे 246 मामले
प्रदेश में सीजनल इन्फ्लूएंजा के पिछले पांच साल में सर्वाधिक मामले 2019 में आए थे। वर्ष 2019 में इसके 246 मामले सामने आए थे, जिनमें से 06 मरीजों की मौत भी हुई थी। वहीं, 2018 में नौ मामले आए और दो मरीजों की मौत हुई। 2020 में 13 मामले आए और एक मरीजों की मौत हुई। 2021 और 2022 में सरकारी रिकॉर्ड में कोई मामला सामने नहीं आया।
admin

Recent Posts

Kolkata Doctor Case: उत्तराखंड में डॉक्टरों का 24 घंटे का कार्य बहिष्कार, ठप रहेंगी ओपीडी सेवाएं

कोलकाता में रेजिडेंट महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या के विरोध में शनिवार से…

5 months ago

Uttarakhand: अवंता समूह के कई ठिकानों पर ED का छापा, तीन राज्यों से 678 करोड़ की संपत्ति की कुर्क

गौतम थापर के स्वामित्व वाली अवंता ग्रुप की उत्तराखंड में करोड़ों रुपये की संपत्तियों को…

5 months ago

Uniform Civil Code: राज्य स्थापना दिवस से पहले यूसीसी लागू करेगी सरकार : सीएम धामी

यूसीसी लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमें गर्व है…

5 months ago

सीएम धामी ने प्रदेशवासियों को दी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, अनुकूल औद्योगिक नीति, शांत औद्योगिक वातावरण, दक्ष मानव संसाधन…

5 months ago