10 January 2025

अरुणाचल पर चीन के दावे को अमेरिका ने किया खारिज, भारत के समर्थन में संसद में पेश किया ये अहम प्रस्ताव

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News Uttaranchal : 

अमेरिका ने चीन और अरुणाचल प्रदेश को बांटने वाली मैकमहोन लाइन को अंतरराष्ट्रीय सीमा माना है। अमेरिका की संसद में इस मुद्दे पर एक द्विपक्षीय प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग माना है। प्रस्ताव पेश करने वाले सांसद बिल हागेर्टी और जेफ मार्कले ने कहा कि ‘जब चीन लगातार खुले और आजाद हिंद प्रशांत महासागर के लिए चुनौती बना हुआ है। ऐसे में जरूरी है कि अमेरिका अपने रणनीतिक साझेदारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो, खासकर भारत के साथ।’

चीन की सैन्य कार्रवाई की आलोचना की
अमेरिकी संसद के इस द्विपक्षीय प्रस्ताव में अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग माना है और चीन के एलएसी पर यथास्थिति बदलने के प्रयासों और सैन्य कार्रवाई की आलोचना की है। प्रस्ताव में अमेरिका-भारत के बीच की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और क्वाड में सहयोग बढ़ाने की बात भी कही गई है। बता दें कि अमेरिकी संसद का यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है, जब एलएसी के पूर्वी सेक्टर में चीन के सैनिकों और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़पें हो चुकी हैं।

 

 

 

भारत के साथ संबंध मजबूत करने पर अमेरिका का जोर
प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका, अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग मानता है ना कि चीन का। चीन द्वारा सैन्य ताकत से एलएसी पर यथास्थिति बदलने की कोशिशों, विवादित स्थानों पर चीन द्वारा गांव बसाने और चीन के नक्शे में भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना बताने की भी अमेरिकी सांसदों ने आलोचना की। साथ ही भूटान की सीमा में चीन के दावे की भी आलोचना की गई है। अमेरिकी सदन की दोनों पार्टियों द्वारा संयुक्त रूप से पेश किए गए इस प्रस्ताव में चीन की भड़काऊ कार्रवाई के विरोध में भारत के स्टैंड की तारीफ भी की गई है और भारत के साथ तकनीकी, आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने पर भी जोर दिया गया है।

 

 

भारत के साथ संबंध मजबूत करने पर अमेरिका का जोर
प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका, अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग मानता है ना कि चीन का। चीन द्वारा सैन्य ताकत से एलएसी पर यथास्थिति बदलने की कोशिशों, विवादित स्थानों पर चीन द्वारा गांव बसाने और चीन के नक्शे में भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना बताने की भी अमेरिकी सांसदों ने आलोचना की। साथ ही भूटान की सीमा में चीन के दावे की भी आलोचना की गई है। अमेरिकी सदन की दोनों पार्टियों द्वारा संयुक्त रूप से पेश किए गए इस प्रस्ताव में चीन की भड़काऊ कार्रवाई के विरोध में भारत के स्टैंड की तारीफ भी की गई है और भारत के साथ तकनीकी, आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने पर भी जोर दिया गया है।

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