9 January 2025

सामने आया नकल का पहला मामला, अल्मोड़ा में पकड़ी गई इंटर की छात्रा

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nakal
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News uttaranchal : उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की ओर से संचालित बोर्ड परीक्षा में नकल का पहला मामला अल्मोड़ा जिले से सामने आया है। यहां पर इंटरमीडिएट की भौतिक विज्ञान की परीक्षा में एक छात्रा को नकल करते पकड़ा गया है।

 

 

बोर्ड कार्यालय के अनुसार अल्मोड़ा जिले के राजकीय इंटर कॉलेज मजखाली के परीक्षा केंद्र पर सचल उड़न दस्ते ने इंटरमीडिएट के भौतिक विज्ञान विषय की परीक्षा दे रही संस्थागत छात्रा को परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए पकड़ लिया। छात्रा की उत्तरपुस्तिका कब्जे में लेकर अनुचित सामग्री के साथ सील कर उसे नई उत्तरपुस्तिका उपलब्ध करा दी गई।

 

12वीं की भौतिक विज्ञान समेत कई विषयों की थी परीक्षा

सोमवार को 12वीं की उर्दू, पंजाबी, भौतिक विज्ञान, लेखा शास्त्र, कृषि शस्य विज्ञान प्रथम प्रश्न पत्र, कृषि शस्य विज्ञान षष्टम प्रश्न पत्र की परीक्षा थी। कृषि शस्य विज्ञान प्रथम प्रश्न पत्र में 552 पंजीकृत, 515 उपस्थित और 37 अनुपस्थित रहे। कृषि शस्य विज्ञान षष्टम प्रश्न पत्र में 553 पंजीकृत, 516 उपस्थित और 7 अनुपस्थित रहे। भौतिक विज्ञान की परीक्षा में 7414 पंजीकृत, 7171 उपस्थित और 243 अनुपस्थित रहे। लेखाशास्त्र की परीक्षा में 978 पंजीकृत, 941 उपस्थित और 37 अनुपस्थित रहे। उर्दू की परीक्षा में 82 पंजीकृत, 78 उपस्थित व 4 अनुपस्थित रहे। पंजाबी में 50 पंजीकृत व 50 उपस्थित रहे।

आखिरी पेपर से पहले दसवीं की छात्रा ने मौत को लगाया गले

केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाली कक्षा दस की छात्रा का शव उसके कमरे में फंदे पर लटका मिला। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। कोतवाली क्षेत्र के नवाबी रोड स्थित मथुरा विहार निवासी हरीश चंद्र जोशी मूलरूप से अल्मोड़ा के सोमेश्वर स्थित सर्प गांव के रहने वाले हैं। यहां पत्नी रेखा, बेटी तनुजा और बेटे चंद्रशेखर के साथ किराए के मकान में रहते हैं। वह प्लंबर हैं। रविवार दोपहर उनकी बेटी तनुजा (16) का शव कमरे में फंदे पर लटका मिला। वह केंद्रीय विद्यालय में कक्षा दस की छात्रा थी। इन दिनाें उसकी परीक्षाएं चल रही थीं। 21 मार्च को उसका गणित का अंतिम पेपर होना था। बताया कि रविवार की सुबह तनुजा ट्यूशन गई थी।

लौटकर तनुजा ने सभी के साथ खाना खाया। पुलिस के मुताबिक, तनुजा के पिता हरीश कठघरिया इलाके में काम करने चले गए। उसकी मां रेडीमेड कपड़ों की दुकान चलाती हैं, वह दुकान पर चली गईं और छोटा भाई चंद्रशेखर कुत्ता टहलाने चला गया। जब चंद्रशेखर लौटा तो उसने तनुजा के कमरे का दरवाजा खटखटाया। काफी देर तक आवाज देने के बाद भी तनुजा का जवाब नहीं आया तो उसने परिजनों को बुलाया। पिता ने दरवाजा तोड़ा तो तनुजा फंदे पर लटकी हुई थी।

तनुजा को फंदे से उतारकर वे सुशीला तिवारी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मेडिकल चौकी पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।

मां की डांट से भाई को बचाने के लिए दी थी हिदायत

खाना खाने के बाद जब तनुजा का छोटा भाई कुत्ता टहलाने के लिए बाहर गया तो तनुजा ने उससे सड़क की तरफ जाने से मना किया था। मां की डांट से छोटे भाई को बचाने वाली तनुजा की आवाज दोबारा कभी नहीं सुन पाएगा यह बात शायद छोटे भाई को पता न थी। जब घर लौटा और बहन को हमेशा के लिए खो देने का पता चलते ही वह भी सदमे में है।

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