राजधानी में गरीबों के लिए बनेंगे घर, अवस्थापना विकास की 10 अधूरी योजनाओं के लिए फंड का इंतजाम

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प्रदेश सरकार ने अवस्थापना विकास से जुड़ीं करीब 56.05 करोड़ लागत की 10 निर्माणाधीन विकास योजनाओं के लिए फंड का इंतजाम कर दिया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने इन सभी योजनाओं के लिए अतिरिक्त धनराशि के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन सभी महत्वपूर्ण कार्यों के लिए प्रदेश सरकार की मिसिंग लिंक फंडिंग योजना के तहत फंड का इंतजाम हुआ है।

 

 

 

देहरादून में समय पर बन जाएंगे गरीबों के आवास

देहरादून में रिस्पना नदी के किनारे नगर निगम की भूमि पर निम्न आय वर्ग के लिए आवास बनाए जा रहे हैं। 2.21 करोड़ से अधिक की इस योजना के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता है, जो मिसिंग लिंक फंड से पूरी होगी। मुख्य सचिव ने इसकी अनुमति दे दी है। दूसरी सोशल बलूनी स्कूल के पास की है, जो 1.77 करोड़ से अधिक की राशि से तैयार होनी है।

इसके लिए फंड का इंतजाम कर दिया गया है। देहरादून के पटेल नगर में बिंदाल नदी के किनारे 4.41 करोड़ से ज्यादा की लागत से आवास बनाने के लिए अतिरिक्त धनराशि मिसिंग लिंक फंड से मिलेगी। काठबंगला मलिन बस्ती के अधूरे निर्मित आवासों के लिए राज्यों के लिए विशेष सहायता (एसएएस) से धनराशि मिलेगी। इस योजना पर 8.39 करोड़ से अधिक की लागत आएगी।

 

इन योजनाओं के लिए भी हुआ पैसे का इंतजाम

करीब 80.50 लाख से चंपावत में बन रहे हिमाद्री इंपोरियम के लिए सीएम घोषणा से पैसा का इंतजाम होगा। नगर पालिका परिषद हरिद्वार में आंतरिक सड़कों के निर्माण, विकासनगर हल्दापानी व चमोली में लॉ कॉलेज गोपेश्वर के नजदीक भूस्खलन के कारण भूमि मुआवजा के कार्य, प्रदेश के विभिन्न पावर हाउस में जल मापक यंत्रों की स्थापना व पांच वर्षों तक रखरखाव के कार्य, टीएचडीसी हाइड्रो पावर अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में निदेशक के आवास के अवशेष कार्य के लिए व इंजीनियरिंग कॉलेज गोपेश्वर के निर्माण के बचे कार्यों के लिए भी मिसिंग लिंक फंड से पैसे का प्रबंध किया गया।

 

पीएम गति शक्ति पोर्टल पर अपलोड होती है ऐसी योजनाएं

सरकार ने अवस्थापना विकास की उन योजनाओं को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर अपलोड करने की सुविधा दी है, जिन्हें पूरा करने के लिए अतिरिक्त फंड की आवश्यकता होती है। करीब 29 विभागों ने करीब 257 करोड़ लागत की ऐसी करीब 205 योजनाएं पोर्टल पर अपलोड की है। उच्चस्तरीय समिति योजनाओं की प्रगति का आकलन करती है और प्रदर्शन के आधार पर मिसिंग लिंक फंडिंग की व्यवस्था करती है।

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