10 January 2025

तीन महीने से पत्नी से हैवानियत करता रहा था पति, मंजर देख सिहर उठा पिता

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mahila
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रामनगर में एक पति महिला के साथ हैवानियत करता रहा। महिला पिछले तीन माह से चुपचाप सहती रही और उसे अधमरा तक कर दिया गया। महिला को इलाज के लिए हायर सेंटर तक रेफर करना पड़ गया। पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। महिला के मां-बाप के घर पहुंचने पर घटना का खुलासा हुआ।

 

 

ग्राम काली मौलेखाल सल्ट निवासी शंकरदत्त मठपाल ने कोतवाली में दी तहरीर में बताया कि उसने 2007 में बेटी संतोषी की विवाह शांतिकुंज गली नंबर 2, इंद्रा कॉलोनी रामनगर पूरन चंद्र ध्यानी पुत्र स्व. माधवानंद ध्यानी से किया था। शादी के बाद दो बेटे हुए। एक बेटे की 2016 मौत हो गई और दूसरा बेटा निखिल ध्यानी अपने नाना के साथ गांव में रहता है। बताया कि वह 22 मई को निजी कार्य से रामनगर बाजार आए थे।

रामनगर आने पर वह बेटी के मकान पर पहुंचे तो देखा मकान पर बाहर से कुंडी लगी हुई है। दरवाजा खोलकर देखा तो बेटी बेसुध पड़ी थी। उसका मुंह सूजा हुआ था और सिर से बदबू आ रही थी। बाल हटाकर देखा तो सिर कई जगह से फटा हुआ और घाव सड़ रहा था।

 

रोजाना पीटकर दरवाजा बंद करके चला जाता
महिला को रामनगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के बाद हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल भेज दिया गया। अस्पताल में महिला ने बताया कि उसका पति तीन महीने से जान से मारने की नीयत से सिर पर धारदार हथियार व डंडे से वार करता था। रोजाना पीटकर दरवाजे की कुंडी लगाकर चला जाता और शाम को आता। पिछले तीन माह से वह रोजाना इसी तरह उसके साथ हैवानियत करता था।

इलाज के इधर-उधर भटकना पड़ रहा
पीड़िता के पिता शंकर दत्त मठपाल ने बताया कि बेटी को रामनगर से हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया। एक दिन इलाज के बाद बेस अस्पताल में भेज दिया। वहां से फिर सुशीला तिवारी अस्पताल भेज दिया गया। सिटी स्कैन सहित अन्य टेस्ट करा दिए हैं, अब हालत पहले से बेहतर है। अब डॉक्टरों ने घर ले जाने को कह दिया है।

शराब पीने का आदी है आरोपी
पीड़िता के पिता ने बताया कि उसका दामाद शराब पीने का आदी है। शराब के नशे में वह मारपीट करता था। आरोप लगाया कि 2016 में उसी ने अपने तीन वर्षीय बेटे को पटककर मार दिया था। बेटे का कसूर इतना था कि उसने आंगन में शौच कर दिया था। यह देखकर वह दूसरे नवासे निखिल को लेकर पहाड़ चले गए।

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