प्रदेश में कई नशा मुक्ति केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। यहां कई लोगों का इलाज भी हो रहा है लेकिन इन केंद्रों की निगरानी कौन कर रहा है। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। यही कारण है कि कई केंद्र मनमानी पर उतर आए हैं। हालांकि, अब इस समस्या से निपटने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जज की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है जो इन केंद्रों की जांच करेगी।
कमेटी जांच रिपोर्ट को सरकार को सौंपेगी। जिसके आधार पर किसी एक विभाग को इन नशा मुक्ति केंद्रों की जिम्मेदारी दी जाएगी। इस कमेटी में जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल हैं। कमेटी की जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि कितने क्षेत्रफल में केंद्र खोला जा सकता है। एक कमरे में कितने मरीजों को रखा जा सकता है। मरीजों पर कितने डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और काउंसलर होंगे।
नशा मुक्ति केंद्र किस विभाग की देखरेख में हैं यह स्पष्ट नहीं है। प्रदेश में सबसे अधिक 22 नशा मुक्ति केंद्र देहरादून में हैं। अब इनकी निगरानी के लिए जिम्मेदारी तय करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। -डॉ. संजय जैन, सीएमओ देहरादून
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