अंकिता हत्याकांड में पोस्टमार्टम करने वाले एम्स के एसोसिएट प्रो. डॉ रवि प्रकाश मिश्रा ने कोर्ट में गवाही दी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोटद्वार की अदालत में चल रहे ट्रायल के दौरान बृहस्पतिवार को उन्होंने कोर्ट बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट चार डॉक्टरों के पैनल ने तैयार की थी।
विवेचना के दौरान एसआईटी ने उनसे कई सवाल पूछे। एक सवाल के जवाब में डॉक्टर ने बताया कि मृतका के शरीर पर आईं चोटें एक्सीडेंटल नहीं थीं। सारी चोटें घटना से पहले घटनास्थल पर झगड़ा होने और मारपीट के कारण आईं होंगी।
विशेष लोक अभियोजक बदलने के बाद बृहस्पतिवार को यह पहली गवाही हुई है। अगली सुनवाई अब चार अगस्त को होगी। विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी बृहस्पतिवार को अदालत पहुंचे। उन्होंने बताया कि गवाही के दौरान पैनल में शामिल डॉ रवि प्रकाश मिश्रा ने एसआईटी को पूर्व में दिए बयान अदालत में दोहराए हैं।
डॉ. रवि प्रकाश मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि पोस्टमार्टम के दौरान अंकिता के शरीर पर जबरन लैंगिक हमले के साक्ष्य नहीं मिले थे। इसके बावजूद आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। डीएनए सैंपल सुरक्षित रखे गए हैं।
उनकी राय में अंकिता की मौत पोस्टमार्टम करने के चार से छह दिन पहले हुई थी। शरीर पर मिलीं चोंटें ताजी थीं। कोर्ट में अभियोजन पक्ष के साथ अंकिता के पिता की ओर से नियुक्त वकील अजय कुमार पंत और नरेंद्र सिंह गुसाईं भी शामिल रहे।
डॉक्टर ने कोर्ट को बताया कि एक्सरे के दौरान शरीर की कोई भी हड्डी टूटी नहीं पाई गई। शरीर के बाह्य परीक्षण में पांच जगहों पर चोट के निशान पाए गए थे। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अमित सजवाण और अनुज पुंडीर ने गवाह से कई सवाल किए।
अभियोजन पक्ष के अनुसार बृहस्पतिवार की गवाही में भी अदालत में तीनों आरोपी हाजिर किए गए थे। एसआईटी की ओर से इस हत्याकांड में 97 गवाह बनाए गएहैं। अब तक 15 लोगों की गवाही हो चुकी है।
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