प्रदेश के सरकारी स्कूलों के छात्र अब न सिर्फ राज्य आंदोलन का इतिहास बल्कि राज्य के प्रमुख त्योहार, मेले और उत्सवों के बारे में भी पढ़ेंगे। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर विभाग की ओर से विरासत नाम से पुस्तक तैयार की जा रही है। इसके लिए राज्य के सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से जानकारी मांगी गई है।
शिक्षा मंत्री के मुताबिक छात्र-छात्राओं को स्थानीय बोली, भाषा की जानकारी के लिए प्राथमिक स्तर पर उन्हें गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी में पढ़ाया जा रहा है। एससीईआरटी की ओर से कक्षा से तीन तक के बच्चों के लिए पुस्तकें तैयार की गई हैं। जबकि माध्यमिक स्तर पर छात्र राज्य के इतिहास, भूगोल, रीति रिवाज, प्रमुख त्योहार, मेले, उत्सव, राज्य आंदोलन के इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम में राज्य के लोगों की भूमिका और राज्य के प्रसिद्ध लोगों के बारे में पढ़ेंगे। इसके लिए पुस्तक तैयार की जा रही है। राज्य के सभी डायट इस संबंध में ड्राफ्ट तैयार कर एससीईआरटी को देंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा इस पुस्तक को स्कूलों में कक्षा पांचवीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाएगा।
राज्य के 141 पीएमश्री स्कूलों को मिली पहली किश्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम में एनईपी की तीसरी वर्षगांठ पर पीएमश्री योजना के तहत देश भर के 6207 स्कूलों के लिए 630 करोड़ रुपये जारी किए। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह के मुताबिक उत्तराखंड में 141 स्कूलों को पहली किश्त मिली है।
इस साल 2100 और स्कूल बाल वाटिका के रूप में चलेंगे
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह के मुताबिक बेसिक शिक्षा में राज्य ने देश में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया था। राज्य के 4672 स्कूलों में बाल वाटिकाएं चल रही हैं। जबकि इस साल 2100 अन्य स्कूल बाल वाटिका के रूप में चलेंगे। इसके अलावा 331 माध्यमिक विद्यालयों में व्यवसायिक पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।
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