OpenAI का नाम दुनिया ने पहली बार उस समय जाना जब पिछले साल इसने चैटजीपीटी को लॉन्च किया और अब ओपनएआई एक बार फिर से लोगों की जुबान पर है। इस बार कारण कंपनी की उपलब्धि की चर्चा नहीं, बल्कि अपने सीईओ सैम ऑल्टमैन को निकाले जाने और फिर उनकी वापसी को लेकर है। सैम की वापसी के साथ ही एक और खबर आई है जिसने दुनिया को सोचने की मजबूर कर दिया है कि क्या वास्तव में ओपनएआई में ऐसा कुछ चल रहा है। ओपनएआई का नया प्रोजेक्ट लॉन्च होने से पहले ही विवादों में आ गया है। इस प्रोजेक्ट का नाम Q* है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर Q* प्रोजेक्ट क्या है जिसे इंसानों के लिए खतरा बताया जा रहा है।
Q* प्रोजेक्ट को दुनिया से छिपा रहा ओपनएआई?
OpenAI के नए प्रोजेक्ट का नाम Q* (क्यू स्टार) है जो कि एक नया एआई डिस्कवरी है। इस प्रोजेक्ट पर लंबे समय से काम चल रहा है, लेकिन इसकी जानकारी किसी को नहीं थी। हाल ही में सैम ऑल्टमैन को कंपनी से निकाले जाने के बाद समाजार एजेंसी रॉयटर के हाथ एक ई-मेल लगा जिससे इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी मिली है।
क्या है ओपनआई का प्रोजेक्ट Q*?
फिलहाल Q* प्रोजेक्ट के बारे में बहुत ही कम जानकारी उपलब्ध है। मौजूद जानकारी के मुताबिक यह आर्टिफिशियल जेनरल इंटेलिजेंस (AGI) टूल है। इसके बारे में सैम ऑल्टमैन ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि AGI इंसानों से अधिक स्मार्ट होते हैं।
उस दौरान सैम ने इसकी खामियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी, लेकिन AGI को मानवता और इंसानों के लिए बहुत ही खतरनाक बताया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रोजेक्ट Q* मानवता के लिए ठीक उसी तरीके का खतरा हो सकता है जैसा हमने टर्मिनेटर फिल्मों में देखा है। नए टूल ने गणित के प्रश्नों को बहुत ही सटीक और फास्ट सॉल्व किया है।
जेनरेटिव एआई गणितीय मॉडल पर निर्भर करता है और मोटे तौर पर मशीन लर्निंग का एक सबसेट है। फिलहाल जेनरेटिव एआई का सबसे ज्यादा इस्तेमाल लिखने में हो रहा है। चाहे वह ई-मेल हो या जीमेल, हर जगह इसका इस्तेमाल हो रहा है। जेनरेटिव एआई आपके द्वारा लिखे गए शब्दों के आधार पर अगले शब्दों के बारे में सुझाव देता है।
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