धोखेबाज पत्नी: प्रेमी और उसके भाई से पति को कुचलवाया, पढ़ें लव स्टोरी की शुरुआत से शिक्षक की हत्या तक की कहानी

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कानपुर के चकेरी के कोयलानगर निवासी शिक्षक राजेश गौतम (41) की सेन पश्चिम पारा थाना क्षेत्र में कार से कुचलकर हुई मौत का खुलासा हो गया है। उनकी पत्नी उर्मिला उर्फ पिंकी ने ही प्रेमी के साथ मिलकर प्रेमी के भाई व एक कार चालक को चार लाख की सुपारी देकर हत्या कराई थी।

 

 

 

हत्या को हादसा दिखाने के लिए मॉर्निंग वॉक पर गए राजेश को कार से कुचलवाया था। पुलिस ने उर्मिला, उसके प्रेमी शैलेंद्र सोनकर समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा कर दिया है।

एडीसीपी दक्षिण अंकिता शर्मा ने प्रेसवार्ता कर बताया कि सरसौल ब्लॉक के जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक राजेश की पत्नी उर्मिला उर्फ पिंकी के कल्याणपुर थानाक्षेत्र के जगतपुरी पुराना शिवली रोड निवासी शैलेंद्र सोनकर से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। इसकी जानकारी राजेश को हो गई थी और दोनों में विवाद होता था।

इसी को देखते हुए पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति को रास्ते से हटाने की साजिश रची। तय हुआ कि पति को मॉर्निंग वॉक पर जाते समय गाड़ी से कुचलकर मार देंगे। इसी के तहत चार नवंबर को मॉर्निंग वॉक पर निकले राजेश को कार से कुचलवा दिया गया।

25 दिन की आंखमिचौली के बाद आखिरकार पुलिस ने आरोपियों पिंकी, शैलेंद्र सोनकर और उसके ममेरे भाई विकास सोनकर को कोयलानगर स्थित गणेशपुर चौराहा के पास से गिरफ्तार कर लिया। हत्या में इस्तेमाल वैगनआर कार को भी बरामद कर लिया। हालांकि कार चालक सुमित कठेरिया अभी फरार है।

हत्या के बाद गाड़ी के पोल से टकराने के बाद बदल गई कहानी
राजेश की हत्या के समय तक सबकुछ साजिश के मुताबिक चल रहा था, लेकिन उन्हें कुचलने के बाद आरोपियों की ईको स्पोर्ट्स कार बिजली के खंभे से टकरा गई और उसका टायर फट गया। यहीं से पूरी कहानी बदल गई और आनन-फानन सुमित कठेरिया को पीछे चल रही वैगनआर कार में बैठकर साथी विकास सोनकर के साथ फरार होना पड़ा। यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद होने के बाद से ही पुलिस को इनकी तलाश थी।

नवोदय विद्यालय ग्रुप से शुरू हुई थी प्रेम कहानी
चार नवंबर को सामान्य से दिख रहे सड़क हादसे में राजेश की हत्या का पूरा घटनाक्रम बेहद चौंकाने वाला है। साल 2021 में राजेश गौतम ने देहली सुजानपुर में घर बनवाने के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय के अपने बैच के दोस्तों के ग्रुप में आर्किटेक्ट व ठेकेदार के लिए मैसेज डाला।

उस समय तक ठेकेदारी कर रहे बैचमेट हेमंत सोनकर ने संपर्क किया और आर्किटेक्ट के तौर पर रिश्तेदार शैलेंद्र सोनकर का परिचय कराया। बात होने के बाद शैलेंद्र ने नक्शा तैयार किया और मकान बनाने का काम हेमंत करने लगा। इस बीच हेमंत का पीएसी में सिपाही पद पर सेलेक्शन हो गया, तो उसने काम पूरा करने के लिए शैलेंद्र को कहा।

यहीं से शैलेंद्र की राजेश के घर पर एंट्री शुरू हुई और धीरे-धीरे राजेश की पत्नी पिंकी से नजदीकियां बढ़ गईं। खास बात यह है कि इसी ग्रुप में पिंकी ने पति की मौत की सुनवाई न होने और मदद की गुहार लगाई थी। इसके बाद जिले से लेकर प्रदेश तक में कार्यरत कई आईएएस, आईपीएस, पीपीएस सक्रिय हुए और पुलिस ने जांच में तेजी दिखाई।

पत्नी की साजिश… गालियों, पिटाई के निशानों को पिंकी ने बना लिया हथियार
जांच में यह बात सामने आई थी कि अवैध संबंध की बात सामने आने के बाद राजेश कई बार गुस्से में पिंकी से गालीगलौज व मारपीट करता था। पिंकी ने शरीर पर बने घाव के निशानों को ही हथियार बना लिया और आर्किटेक्ट इंजीनियर प्रेमी शैलेंद्र सोनकर को अपने ही पति की हत्या के लिए मना लिया। साथ ही राजेश के मरने पर करोड़ों की संपत्तियां मिलने का भी लालच दिया।

पिंकी की बातों में आकर छह महीने पहले शैलेंद्र ने ममेरे भाई विकास सोनकर के जरिये आवास विकास-3 निवासी ड्राइवर सुमित कठेरिया उर्फ गोलू से संपर्क किया। चार लाख रुपये में ट्रक से एक्सीडेंट कराकर मारने का प्लान बना और पिंकी ने जेवर बेचकर व गिरवी रखकर सुपारी की रकम भी अदा कर दी, लेकिन जब चार महीने बाद भी काम नहीं हुआ तो दबाव में आकर सुमित ने खुद ही काम को अंजाम देने की ठान ली। चार नवंबर को राजेश को टक्कर मारकर मार डाला।

पुलिस की जांच … भतीजे की दी सीसीटीवी फुटेज से मिली जांच को दिशा
एमईएस चकेरी में कार्यरत राजेश के भाई ब्रह्मदीन गौतम और इंडियन नेवी में काम करने वाले उनके बेटे कुलदीप ने इस केस की पैरवी शुरू की तो पिंकी ने कुलदीप के खिलाफ ही चाचा राजेश की हत्या करने की तहरीर दे दी। वहीं कुलदीप ने खुद जांच पड़ताल कर पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज सौंपा, जिसमें कुचलने के बाद कार अनियंत्रित होकर खंभे से टकराती और चालक पीछे आ रही दूसरी कार से भागता दिखा।

इसी के बाद सेन पश्चिम पारा थाना प्रभारी पवन कुमार ने जांच शुरू की तो टक्कर मारने वाली ईको स्पोर्ट्स कार कल्याणपुर की निकली। वहीं, हादसे के बाद आरोपी जिस वैगनआर कार से फरार हुए, उसमें लगा नंबर लोडर का निकला। पुलिस ने आरटीओ से सभी वैगनआर का डाटा निकलवाकर एक-एक गाड़ी का सत्यापन किया और चालक व मालिक की लोकेशन निकालकर आरोपियों तक पहुंची।

उधर, आरोप प्रत्यारोप की जांच के दौरान जब दोनों पक्षों के कॉल रिकार्ड खंगाले गए तो शैलेंद्र और पिंकी के लगातार संपर्क में होने और उसके बाद फिर ममेरे भाई और चालक तक पुलिस पहुंच गई। इस बीच शैलेंद्र और पिंकी ने जहरीला पदार्थ भी खाया जिससे जांच तो रुकी लेकिन पुलिस का शक और गहरा गया।
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