नए साल में 27 लाख बिजली उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका लगने वाला है। यूपीसीएल ने 25 से 30 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिस पर ऑडिट कमेटी ने मुहर लगा दी है। अब 16 दिसंबर को होने वाली बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव रखा जाएगा। इस बढ़ोतरी के पीछे निर्धारित से अधिक दामों पर बाजार से बिजली खरीद, कुल निर्धारित खर्च से अधिक खर्च के अलावा यूपी से बंटवारे में मिली प्रतिभूतियों का करीब 3900 करोड़ खर्च शामिल है।
यूपीसीएल इस साल 30 नवंबर तक बिजली बढ़ोतरी से संबंधित याचिका नियामक आयोग में दाखिल नहीं कर पाया। इसके लिए 23 दिसंबर तक का समय मांगा है। इस बीच यूपीसीएल प्रबंधन ने तैयारियां तेज कर दी हैं।
जानकारी के मुताबिक, नियामक आयोग ने बिजली खरीद की जो दरें तय की थीं, बाजार में उससे महंगी बिजली मिली है, जिसका खर्च नए टैरिफ में शामिल किया जाएगा। इसी प्रकार, नियामक आयोग ने सालभर में जो कुल खर्च तय किया था, उससे अधिक खर्च हुआ है। इसके लिए भी भरपाई नए टैरिफ में की जाएगी। वहीं, यूपी-उत्तराखंड के बीच प्रतिभूतियों के बंटवारे के बाद उस पर यूपीसीएल की करीब 3900 करोड़ की देनदारी है।
सूत्रों के मुताबिक, प्रतिभूतियों का मामला अभी सरकार के स्तर पर है। अभी तक टैरिफ की दरें 25 से 30 प्रतिशत के बीच तय हुई हैं, हालांकि अभी बोर्ड की मुहर नहीं लगी है। लेकिन माना जा रहा है कि यूपीसीएल प्रबंधन इसी के बीच में बिजली दरों का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजने वाला है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार का कहना है कि अभी बोर्ड बैठक नहीं हुई है। इसके बाद वे प्रस्ताव आयोग को भेजेंगे। तभी स्पष्ट हो पाएगा कि कितनी बढ़ोतरी का प्रस्ताव है।
Uttarakhand News 17 Dec 2024: प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू करने से पहले इसकी…
कोलकाता में रेजिडेंट महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या के विरोध में शनिवार से…
गौतम थापर के स्वामित्व वाली अवंता ग्रुप की उत्तराखंड में करोड़ों रुपये की संपत्तियों को…
यूसीसी लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमें गर्व है…
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, अनुकूल औद्योगिक नीति, शांत औद्योगिक वातावरण, दक्ष मानव संसाधन…
उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 को अब विधेयक के रूप में…