अयोध्या में भगवान श्रीराम के आगमन की तैयारियां चल रही हैं। 22 जनवरी को पवित्र नगरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इस समारोह के लिए अब महज हफ्तेभर का समय बचा है, जिसके लिए तमाम देशवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस आयोजन से पहले ओडिशा में प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में भव्य परियोजना का उद्घाटन किया गया। इस प्रोजेक्ट को जगन्नाथ मंदिर हेरिटेज कॉरिडोर के नाम से जाना जा रहा है।
खास बात यह है कि इसके ठीक पांच दिन बाद अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। जगन्नाथ मंदिर चार प्रमुख धामों में से एक है। महाप्रभु श्री जगन्नाथ, बहन देवी सुभद्रा और बड़े भाई महाप्रभु बलभद्र की पूजा पुरी में की जाती है। जगन्नाथ मंदिर की चारदीवारी के 75 मीटर के कॉरिडोर के भीतर के क्षेत्र को विकसित किया गया है।
राज्य सरकार ने पुरी के अंदर यातायात की भीड़ से बचने के उद्देश्य से पर्यटकों को सीधी पहुंच प्रदान करने के लिए 200 करोड़ रुपये की लागत से 2.3 किमी लंबे 4-लेन श्री सेतु (ट्रम्पेट ब्रिज) का निर्माण कराया है। इसके अतिरिक्त, 90 करोड़ रुपये की लागत वाली 630 मीटर लंबी सड़क (श्री डांडा) भी बनाई गई है।
हेरिटेज कॉरिडोर में तमाम सुख-सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई निर्माण किए गए हैं, जैसे
परियोजना से क्या बदलेगा?
श्रीमंदिर परिक्रमा प्रकल्प परियोजना के जरिए पुरी शहर को एक नया रूप दिया गया है। हेरिटेज कॉरिडोर को एक बड़े खुले स्थान में बनाया गया है, क्योंकि रथ यात्रा सहित मंदिर के कई त्योहार यहीं से शुरू होते हैं। इससे श्रद्धालुओं का बड़ा जमावड़ा सुरक्षित माहौल में हो सकेगा।
75 मीटर के श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर (एसजेएचसी) के भीतर मौजूद मठ मंदिरों के पुनर्विकास कार्य किए गए हैं। इन मठ मंदिरों का पुनर्विकास संबंधित मठ की सामान्य और विशिष्ट परंपराओं में वास्तुकला की कलिंगन शैली को ध्यान में रखकर किया गया है।
पुजारी और श्रद्धालु बताते हैं कि पहले शहर में बहुत सारी दुकानें थीं और परिक्रमा के दौरान उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता था। अब इलाके को साफ कर दिया गया है। मंदिर की सुंदरता बढ़ गई है।
पवित्र धाम का कई बार दौरा कर चुके दिल्ली निवासी रवि कहते हैं, ‘रथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर लाखों में पहुंच जाती है। पहले रास्ता बहुत संकरा था, लेकिन अब लोग आसानी से प्रभु से प्रार्थना कर पाएंगे।’ अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल रथ यात्रा में करीब 17 लाख लोगों ने हिस्सा लिया था।
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