ईरान ने पाकिस्तान में घुसकर हमला किया है। मंगलवार को ईरानी सेना ने पाकिस्तान में बलोच उग्रवादी संगठन जैश अल-अदल के ठिकानों को निशाना बनाया। जानकारी के अनुसार, ईरान की एयरस्ट्राइक में दो बच्चों की मौत हो गई है। हमले के बाद पाकिस्तान ने ईरान को धमकी दी है। उधर बुधवार को चीन समेत कई देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने को कहा है।
ईरान ने पाकिस्तान में क्यों हमला किया, इसको ईरान की हालिया कार्रवाइयों से समझा जा सकता है। पाकिस्तान में हमले से महज कुछ ही घंटे पहले ईरान ने सीरिया और इराक में भी मिसाइल हमले किए थे। ईरान की ये कार्रवाई 3 जनवरी को करमन शहर में दोहरे आत्मघाती बम विस्फोट के बाद हुई है, जिसमें 80 से अधिक ईरानी नागरिकों की मौत हो गई थी। करमन शहर में हुए हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली थी। हालांकि, ईरान ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या इस हमले में जैश अल-अदल भी शामिल था।
अष्टियानी ने यह भी कहा कि लोगों के अधिकारों के किसी भी उल्लंघन और ईरानियों के खिलाफ आतंकी कार्रवाई पर देश की प्रतिक्रिया निर्णायक और सख्त होगी।
संगठन से जुड़े लोगों का दावा है कि यह एक समूह सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत की स्वतंत्रता और बलूच लोगों के लिए अधिक अधिकारों के लिए लड़ रहा है। सलाउद्दीन फारूकी जैश उल-अदल का वर्तमान प्रमुख है। फारूकी के भाई अमीर नरौई की अफगानिस्तान में तालिबान ने हत्या कर दी थी। कहा जाता है कि जैश अल-अदल ईरान में कुर्द अलगाववादी समूहों का साथ देता रहा है। संगठन का अंसार अल-फुरकान के साथ भी संबंध है जो ईरान में सक्रिय एक अन्य ईरानी बलूच सशस्त्र समूह है।
पिछले कुछ वर्षों में जैश अल-अदल ने ईरानी सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं। इसने पहला बड़ा हमला अक्तूबर 2013 में किया था। पिछले दिसंबर में जैश अल-अदल ने सिस्तान-बलूचिस्तान में एक पुलिस चौकी पर हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें 11 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी। जैश उल-अदल ईरान, जापान, न्यूजीलैंड और अमेरिका द्वारा नामित आतंकवादी संगठन है।
अब ईरानी हमले के बाद पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया दी है और कार्रवाई को अपने हवाई क्षेत्र में अकारण उल्लंघन करार दिया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘पाकिस्तान की संप्रभुता का यह उल्लंघन पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।’ बयान में आगे कहा गया कि यह और भी चिंताजनक है कि पाकिस्तान और ईरान के बीच कई संचार होने के बावजूद यह गैरकानूनी कृत्य हुआ है।
मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने तेहरान में ईरानी विदेश मंत्रालय के संबंधित वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया है। इसके अलावा, पाकिस्तान की संप्रभुता के इस घोर उल्लंघन की कड़ी निंदा करने के लिए ईरानी प्रभारी डी’एफेयर को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया है।
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