नए शिक्षा सत्र से श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में अब छात्रों को रामचरितमानस भी पढ़ाया जाएगा। इससे छात्रों को भगवान श्रीराम और उनके जीवन को नजदीक से जानकर आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
रामचरितमानस पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए विवि प्रशासन को बीओएस (बोर्ड आफ स्टडीज) से स्वीकृति मिल गई है। रामचरितमानस का पाठ्यक्रम बनकर तैयार है। विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने बताया, रामायण एवं रामचरितमानस का व्यावहारिक दर्शन एवं व्यक्तित्व विकास में इसकी भूमिका नाम से स्नातक स्तर के छात्रोें के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।
पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए पूर्व में विशेषज्ञों की कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी की ओर से तैयार पाठ्यक्रम को बोर्ड ऑफ स्टडीज ने शुरू करने की अनुमति भी प्रदान कर दी है। आगामी सत्र से विवि के छात्र स्नातक स्तर पर इस पाठ्यक्रम को पढ़ सकेंगे। बताया, भारतीय संस्कृति के परिचायक सत्य, अहिंसा, धैर्य, क्षमा, त्याग, निष्ठा, मानवता, प्रेम, शांति, लोक संग्रह आदि भावों का रामचरितमानस में संग्रह है।
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