अयोध्या का भविष्य: ‘सोना’ हुई रामनगरी की जमीन, हर साल हजारों को रोजगार, इस सेक्टर में आएगा सबसे अधिक बूम

Share This News

राम नगरी अयोध्या का नाम इस वक्त पूरे देश और विदेश में गूंज रहा है। आज (22 जनवरी 2024) राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई। प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर कई दिन पूर्व से ही अयोध्या को सजाया संवारा जा रहा था। अयोध्या में हर तरफ राम नाम के झंडे लहरा रहे हैं, गलियों में जय श्रीराम के जयकारे गूंज रहे हैं। घाट जगमग-जगमग कर रहे हैं और रामधुन से पूरी अयोध्या नगरी अलौकिक लग रही है। देश के कोने-कोने से लोग आए हुए हैं। बड़ी-बड़ी हस्तियां यहां मौजूद हैं।

 

 

 

राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या में काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। आर्थिक रूप से अगर देखें तो अयोध्या में संपत्ति के दाम का अब कोई पैमाना नहीं रह गया है। पिछले तीन-चार सालों में अयोध्या की संपत्ति के दामों में 10 गुना से भी अधिक बढ़ोतरी हुई है। यहां की कोई संपत्ति किस रेट बिक जाए, इसका कुछ कहा नहीं जा सकता। लखनऊ-गोरखपुर हाईवे से कुछ दूर हटकर जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ बड़ी-बड़ी कंपनियां अब अयोध्या को बिजनेस हब के रूप में देख रही हैं खासतौर पर होटल बिजनेस से जुड़े कारोबारी अब यहां कारोबार जमाने की तैयारी में जुटते दिख रहे हैं। आइए जानते हैं आने वाले वक्त में अयोध्या के आर्थिक विकास की संभावना किन क्षेत्रों पर निर्भर करेगी।

अयोध्या में ‘सोना’ हुई जमीन, 80 हजार रजिस्ट्री
धार्मिक नगरी केवल अध्यात्म ही नहीं बल्कि कारोबार का भी बड़ा केंद्र बनकर उभरती है। अयोध्या और काशी ने इसे साबित कर दिया है। कभी वीरान सी रहने वाली अयोध्या आज दमक रही है। जमीनों की कीमतें आसमान छू रही हैं। मांग का आलम ये है कि केवल दो साल में 80 हजार रजिस्ट्री रामनगरी में हो गई हैं। ये सिलसिला जारी है जो दूसरी धार्मिक नगरी काशी का रिकार्ड तोड़ सकती है। इसी अवधि में काशी में 1.20 लाख रजिस्ट्री की गईं।

अयोध्या में जिस जमीन के भाव बीघा में लगते थे, आज नोएडा और लखनऊ की तरह वर्गफुट में आ गए हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 के बाद से अबतक अयोध्या में जमीन औसतन पांच से 10 गुना तक महंगी हो चुकी है। राममंदिर निर्माण पूरा होने तक यानी वर्ष 2026 तक जमीन की कीमतों में कम से कम 300 फीसदी की वृद्धि और होगी। स्टांप और पंजीयन विभाग के मुताबिक केवल दो साल में जमीन बेचने-खरीदने की होड़ ने सूरत-ए-हाल बदल दिया है। वर्ष 2022-23 में 45360 रजिस्ट्री अयोध्या में हुईं, जिससे विभाग को 177.37 करोड़ का राजस्व मिला। वहीं वर्ष 2023-24 में अबतक 34043 रजिस्ट्री हो चुकी हैं। जिससे 162.79 करोड़ रुपये का राजस्व मिल चुका है। इसी अवधि में वाराणसी ने 806 करोड़ और 628 करोड़ का राजस्व दिया।

बढ़ेगी पर्यटकों संख्या, बढ़ेगा हॉस्पिटैलिटी में रोजगार का मौका
पर्यटन विभाग के आंकड़ों के पहले जहां अयोध्या में हर साल करीब दो लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए आते थे वहीं अब राम मंदिर बन जाने के बाद जानकारों का अनुमान है कि यह आंकड़ा सालाना करीब दो करोड़ तक पहुंच सकता है। जिसकी वजह से अयोध्या में हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में हर साल लगभग 20 से 30 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।

इन नौकरियों की बढ़ेगी डिमांड
जानकार मान रहे हैं कि हर साल जैसे-जैसे अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी वैसे-वैसे यहां रोजगार पैदा होंगे। ये रोजगार कई क्षेत्र में पैदा होंगे, जिसका स्वरूप परमानेंट और रेग्युलर जॉब्स के रूप में होगा। दूसरे पर्यटन स्थल की तरह ही अयोध्या में भी होटल स्टाफ, हाउसकीपिंग, फ्रंट-डेस्क मैनेजर, शेफ और टूर गाइड के तौर पर रोजगार उत्पन्न होंगे। हॉस्पिटैलिटी के साथ टूर एंड ट्रैवल सेक्टर में सबसे ज्यादा उछाल देखने को मिलेगा।
admin

Recent Posts

हल्द्वानी में अवैध मदरसों पर दूसरे दिन भी प्रशासन की कार्रवाई जारी

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्यर सिंह धामी के खंडित जिले में प्रशासन ने सोमवार को भी बागान…

5 days ago

सरकारी स्कूलों में 10वीं में अब पांच नहीं 10 विषय होंगे अनिवार्य, एससीईआरटी ने तैयार किया ड्राफ्ट

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 10वीं में अब पांच नहीं, बल्कि 10 विषय अनिवार्य होंगे।…

3 months ago

सीएम धामी ने किया अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का शुभारंभ, 17 देशों से आए प्रतिनिधि

राजधानी देहरादून में आज प्रथम अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन आयोजित हो रहा है। इसके लिए पंजीकृत प्रवासी…

3 months ago

बर्फबारी होते ही पर्यटकों ने किया मसूरी-धनोल्टी का रुख, चकराता में भी उमड़े सैलानी,

रविवार को मसूरी और चकराता में बर्फबारी होते ही पर्यटकों ने पर्यटन स्थलों का रुख…

3 months ago