रिश्ते की डोर: जिंदगी का ज्योतिष…जन्मपत्री नहीं, विवाह से पहले मिलाई जा रही हैं मेडिकल कुंडली

Share This News

आपने विवाह से पहले जन्म कुंडली और लड़के व लड़की के गुण मिलाने की बात जरूर सुनी होगी। अब समय के साथ जिंदगी का ज्योतिष भी आधुनिक हो रहा है। जन्म कुंडली मिलाने से ज्यादा युवा मेडिकल कुंडली मिलाने पर जोर दे रहे हैं। लड़का व लड़की दोनों के मन में यह सवाल है कि जिसके साथ हमें पूरी उम्र बितानी है, कहीं वह किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित तो नहीं।

इसके लिए दोनों पक्ष डॉक्टरों की सलाह पर अपनी-अपनी मेडिकल जांच करा रहे हैं। जिंदगीभर के साथ का सवाल होने के कारण परिवारों को भी इस पर कोई आपत्ति नहीं है। बल्कि उनका कहना है कि यदि कोई बीमारी सामने आती है तो समय रहते पता चल जाएगा और इलाज हो सकेगा।

इनमें बीपी, शुगर से लेकर हेपेटाइटिस, सर्वाइकल कैंसर (यदि लक्षण हैं तो), किडनी व लिवर संबंधी जांचें भी शामिल हैं। यहां तक कि कई जोड़े शादी से पहले बीएमआई व आईक्यू टेस्ट को भी तरजीह दे रहे हैं। चिकित्सकों के पास ऐसे कई मामले आए हैं।

 

ये जांचें महत्वपूर्ण बताते हैं डॉक्टर

इनफर्टिलिटी टेस्ट: पुरुषों के स्पर्म काउंट और महिलाओं की ओवरी हेल्थ के बारे में जानने के लिए इनफर्टिलिटी टेस्ट करवाना काफी जरूरी होता है। शरीर में इनफर्टिलिटी से जुड़े कोई भी लक्षण पहले से नजर नहीं आते, इसके बारे में टेस्ट के जरिए ही जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

ब्लड ग्रुप कंपैटिबिलिटी टेस्ट: ये कोई बहुत जरूरी टेस्ट नहीं होता है, लेकिन फैमिली प्लानिंग के लिहाज से महवत्वूर्ण है। यह जरूरी है कि आपका और आपके जीवन साथी का आरएच फैक्टर एक जैसा हो। दोनों के ब्लड ग्रुप अनुकूल नहीं होते तो प्रेग्नेंसी के दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

अनुवांशिक बीमारियों से जुड़ा टेस्ट

शादी से पहले जेनेटिक टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। स्तन कैंसर, पेट का कैंसर, किडनी की बीमारी और डायबिटीज एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में आसानी से जा सकती हैं। इन बीमारियों का पता अगर पहले ही लग जाए तो समय पर इलाज किया जा सकता है।
मैं ऐसे जोड़ों को जागरूक मानता हूं जो शादी से पहले मेडिकल परीक्षण कराते हैं। यदि पुरुष और महिला का हीमोग्लोबिन हमेशा कम रहता है, आयरन की कमी नहीं है तो हेमेटोलॉजिस्ट से जरूर सलाह लेनी चाहिए। थैलेसीमिक माइनर माता-पिता का बच्चा थैलेसीमिक मेजर पैदा हो सकता है। जिसे दो माह की उम्र से ही रक्त चढ़ाना पड़ता है। – डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी, हेमेटोलॉजिस्ट
admin

Recent Posts

हल्द्वानी में अवैध मदरसों पर दूसरे दिन भी प्रशासन की कार्रवाई जारी

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्यर सिंह धामी के खंडित जिले में प्रशासन ने सोमवार को भी बागान…

4 days ago

सरकारी स्कूलों में 10वीं में अब पांच नहीं 10 विषय होंगे अनिवार्य, एससीईआरटी ने तैयार किया ड्राफ्ट

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 10वीं में अब पांच नहीं, बल्कि 10 विषय अनिवार्य होंगे।…

3 months ago

सीएम धामी ने किया अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का शुभारंभ, 17 देशों से आए प्रतिनिधि

राजधानी देहरादून में आज प्रथम अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन आयोजित हो रहा है। इसके लिए पंजीकृत प्रवासी…

3 months ago

बर्फबारी होते ही पर्यटकों ने किया मसूरी-धनोल्टी का रुख, चकराता में भी उमड़े सैलानी,

रविवार को मसूरी और चकराता में बर्फबारी होते ही पर्यटकों ने पर्यटन स्थलों का रुख…

3 months ago