भीषण गर्मी और हीटवेव ने इस साल पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आने वाले अगले पांच सालों में हालात और भी मुश्किल होने की आशंका है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 80 प्रतिशत संभावना है कि अगले पांच वर्षों में से किसी एक साल औद्योगिक युग की शुरुआत की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान दर्ज किया जाएगा।
भीषण गर्मी और हीटवेव ने इस साल पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आने वाले अगले पांच सालों में हालात और भी मुश्किल होने की आशंका है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 80 प्रतिशत संभावना है कि अगले पांच वर्षों में से किसी एक साल औद्योगिक युग की शुरुआत की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान दर्ज किया जाएगा।
वहीं नासा की ताजा रिपोर्ट के मुताबकि इस साल मई महीने में गर्मी ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। ये अब तक का सबसे गर्म मई का महीना रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक 1.5°C से अधिक तापमान बढ़ने से जलवायु परिवर्तन के कहीं अधिक गंभीर प्रभाव और एक्स्ट्रीम वेदर इवेंट्स जोखिम पैदा होंगे। तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी से भी मौसम में बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं। गौरतलब है कि पेरिस समझौते के तहत, देशों ने दीर्घकालिक वैश्विक औसत सतही तापमान को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2°C से नीचे रखने और इस सदी के अंत तक इसे 1.5°C तक सीमित रखने के प्रयासों पर सहमति जताई है।
बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोलने के कार्यक्रम तय हो गए हैं। 21 अप्रैल को डिम्मर…
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्यर सिंह धामी के खंडित जिले में प्रशासन ने सोमवार को भी बागान…
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 10वीं में अब पांच नहीं, बल्कि 10 विषय अनिवार्य होंगे।…
राजधानी देहरादून में आज प्रथम अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन आयोजित हो रहा है। इसके लिए पंजीकृत प्रवासी…
रविवार को मसूरी और चकराता में बर्फबारी होते ही पर्यटकों ने पर्यटन स्थलों का रुख…
प्रदेश में नए साल से अब तक बारिश बर्फबारी न होने से सूखी ठंड लोगों…