प्रदेश में इस महीने से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू होगा। इसके लिए यूपीसीएल और मीटर लगाने वाली कंपनी ने तैयारी तेज कर दी है। शुरुआत वीवीआईपी के आवास पर मीटर लगाने से होगी।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की योजना के तहत उत्तराखंड के 15,84,205 घरों में 2025 तक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने हैं। प्रदेश के 38,016 ट्रांसफार्मर और 33 केवी के 379 व 11 केवी के 1254 फीडरों पर स्मार्ट मीटर लगेंगे। स्मार्ट मीटर एक तरह के प्रीपेड मीटर की तरह काम करेंगे जो बिजली रिचार्ज खत्म होने पर एसएमएस भेजकर जानकारी देगा।
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया, इससे बिजली की खपत की जानकारी घंटावार, दिनवार, वर्षवार आसानी से मिल सकेगी। उपभोक्ताओं की बिजली अगर ज्यादा फुंकेगी तो इसकी जानकारी भी मिल जाएगी। बिजली आपूर्ति और मांग का आंकड़ा भी आसानी से मिलेगी। बिजली चोरी पर भी काफी हद तक लगाम लग जाएगी।
बिलिंग की दिक्कतें दूर होंगी और विवाद भी खत्म होंगे। लोगों को बिजली बचाने की प्रेरणा भी मिलेगी। 10 लाख की आबादी ऐसी है, जिन तक इंटरनेट कनेक्टिविटी आसान नहीं है। लिहाजा, वहां बिना इंटरनेट वाले प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। यूपीसीएल मुख्यालय में प्रीपेड मीटर का कंट्रोल रूम तैयार हो रहा है। पहले ट्रायल शुरू होगा और इसके बाद इसी माह से स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो जाएगा।
प्रति मीटर औसत छह हजार रुपये का खर्च आएगा, जिसमें से 22.5 प्रतिशत पैसा केंद्र से ग्रांट के तौर पर मिलेगा। बाकी पैसा मीटर लगाने वाली कंपनी को यूपीसीएल की ओर से प्रति मीटर प्रतिमाह के हिसाब से 10 साल तक दिया जाएगा। उपभोक्ताओं को इस मीटर के लिए अलग से कोई खर्च नहीं देना होगा।
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