बेडू से बनायी जाएगी वाइन , जिले के किसान और महिला समूह होंगे लाभान्वित, डीएम ने किया एमओयू साइन

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 News Uttaranchal : Online Desk :

बेडू का फल खाने के फायदे

बेडू का फल खानेसे कब्ज, तंत्रिका विकार, जिगर की परेशानियों से छुटकारा मिलता है। बेडू का फल केवल उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि यह कश्मीर, ईरान, सोमानिया, हिमाचल, नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सुडान तथा इथियोपिया में भी पाया जाता है। दुनियाभर में इसकी 800 प्रजातियां पाई जाती हैं। हिमाचल में बेडू फागो नाम से जाना जाता है।

पौड़ी गढ़वाल जनपद में बेडू के विक्रय को बढ़ावा देने के लिए एक एमओयू साइन किया गया है। इस एमओयू से 300 कुंतल से अधिक बेडू के विक्रय का रास्ता खुलेगा। जिससे जनपद के किसान, काश्तकार और महिला समूह बड़े पैमाने पर लाभान्वित होंगे।

 

 

 

बेडू से बनायी जाएगी शराब

आपको बता दें कि रिप (Rural Enterprise Acceleration Project) और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में काम करने वाली एक निजी कंपनी के बीच जनपद में बेडू के विक्रय को बढ़ावा देने और उसके वैल्यू एडिशन के संबंध में जिलाधिकारी कैंप कार्यालय में कृषि, उद्यान और ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

 

 

इस समझौता ज्ञापन के अनुसार सम्बन्धित फूड कंपनी द्वारा कोटद्वार में बेडू का प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा तथा 1000 स्थानीय किसानों, काश्तकारों और महिला समूहों के माध्यम से एकत्रित किए जाने वाले बेडू से वाइन का उत्पादन किया जाएगा। वहीं संबंधित कंपनी द्वारा प्लांट मशीनरी में 4 करोड रुपए का निवेश किया जाएगा तथा इस वर्ष लगभग 300 कुंतल बेडू का क्रय किया जाएगा। इससे लगभग 1000 से अधिक किसानों को रोजगार मिलने की संभावना है।

इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने कहा कि किसानों की उपज को पारदर्शी तरीके से क्रय करने के संबंध में जिला प्रशासन और संबंधित विभागों द्वारा आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा। जिलाधिकारी ने रिप परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर कुलदीप बिष्ट तथा कृषि, उद्यान और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों कास्तकारों और महिला समूहों के माध्यम से बेडू के एकत्रीकरण की प्रक्रिया, एकत्रित किए गए बेडू के क्रय की दरों का निर्धारण करने, विभिन्न क्षेत्रों में पौधों के चिन्हिकरण करने संबंधित समस्त प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के निर्देश दिए।

इस दौरान परियोजना निदेशक डीआरडीए संजीव कुमार राय, जिला विकास अधिकारी पुष्पेंद्र चौहान, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी राम सलोने, मुख्य उद्यान अधिकारी डी सी तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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