नैनीताल: हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका में जोशीमठ में हो रहे लगातार भू धंसाव मामले को लेकर दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए सरकार की ओर से बनाई विशेषज्ञों की कमेटी में आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ डा पीयूष रौतेला व डा एमपीएस बिष्ट को शामिल करने के निर्देश दिए हैं। कमेटी से दो माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने जोशीमठ में निर्माण पर लगी पाबंदी को सख्ती से प्रभावी बनाने के आदेश भी सरकार को दिए हैं।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की की खंडपीठ में मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार व एनटीपीसी की तरफ से कहा गया कि सरकार इस मामले को लेकरबेहद गम्भीर है। जोशीमठ में सभी निर्माण कार्य रोक दिए है। प्रभावितों को हर संभव मदद कर रही है। भू धंसाव को लेकर सरकार वाडिया इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की मदद ले रही है। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष व चिपको आंदोलन के सदस्य रहे पीसी तिवारी की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि जोशीमठ में लगातार भू धंसाव हो रहा है। घरों व भवनों में दरारें आ रही हैं, जिससे यहां के लोग दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं।
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