10 January 2025

सहकारी समितियों से कर्ज लेने वाले हजारों मृतक बकायेदारों को राहत, ब्याज माफ करने पर विचार

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News Uttaranchal :   देहरादून: सहकारी समितियों के माध्यम से ऋण लेने वाले जिन बकायेदारों की मृत्यु हो चुकी है, उनके स्वजन को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। ऐसे बकायेदारों की संख्या 31221 है, जिन पर 123.40 रुपये की धनराशि बकाया है। इसमें ब्याज की राशि 49.22 करोड़ है, जिसे सरकार माफ करने पर विचार कर रही है।

 

 

सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत के अनुसार मृतक बकायेदारों के मामले में एकमुश्त समाधान योजना के तहत ब्याज माफ किया जाएगा। इसके लिए सहकारिता विभाग मृतक बकायेदारों के स्वजन के बीच सर्वे कराएगा और उनसे पूछा जाएगा कि वे इस फार्मेट में आना चाहते हैं अथवा नहीं। उनसे सहमति पत्र भी लिया जाएगा कि वे सहकारी समितियों में मूलधन जमा करेंगे।

 

 

 

वर्तमान में ऋण लेने वालों की संख्या 139880

राज्य में सहकारी समितियों की संख्या 670 है। इनसे ऋण लेने वालों की संख्या वर्तमान में 139880 है। इनमें से 31221 की मृत्यु हो चुकी है और बकाया ऋण चुकाने का जिम्मा इनके स्वजन पर है। लंबे समय से ये ऋण फंसे हुए हैं। इसे देखते हुए सरकार ने एकमुश्त समाधान योजना के अंतर्गत मृतक बकायेदारों के स्वजन को ब्याज माफी का लाभ देने का निर्णय लिया है।

 

 

 

साथ ही इनसे मूलधन जमा कराने को कहा जाएगा। सहकारिता मंत्री डा रावत ने बताया कि जिन मृतक बकायेदारों की ब्याज की राशि माफ की जाएगी, उसकी भरपाई सहकारी बैंकों के लाभांश के साथ ही सरकार द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग में पहली बार मृतक बकायेदारों को एकमुश्त समाधान योजना के तहत लाने का निर्णय लिया है।

उधर, अपर निबंधक सहकारी समितियां ईरा उप्रेती ने विभागीय मंत्री के निर्देशों के क्रम में सभी जिला सहायक निबंधकों को पत्र भेजा है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि समितियों के मृतक बकायेदारों के जो स्वजन ब्याज में शत-प्रतिशत छूट लेना चाहते हैं, उनकी सूचना 15 मार्च तक भेजना सुनिश्चित किया जाए।

 

 

ओटीएस में अब तक वापस आए 21 करोड़

सहकारिता मंत्री डा रावत के निर्देश पर वर्ष 2019 में सहकारी बैंकों के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) लाई गई। इसके फलस्वरूप अब तक बैंकों के फंसे 21 करोड़ रुपये वापस आए हैं।

सहकारी समितियों के मृत बकायेदार

  • जिला, संख्या
  • पौड़ी, 4610
  • चमोली, 2507
  • टिहरी, 3405
  • रुद्रप्रयाग, 1069
  • उत्तरकाशी, 3111
  • देहरादून, 1311
  • हरिद्वार, 6169
  • नैनीताल, 1582
  • ऊधमसिंहनगर, 4192
  • चंपावत, 432
  • पिथौरागढ़, 1383
  • अल्मोड़ा, 1164
  • बागेश्वर, 286

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