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यूपी पीसीएस परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों ने बताया कि परीक्षा की तैयारी के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है। गोरखपुर में मुंडेरवा क्षेत्र के रामपुर रेवती निवासी सपना पांडेय परीक्षा में सफलता हासिल कर बीएसए बनी हैं। सपना वर्तमान में शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापिका हैं। एक बच्चे की मां सपना बताती हैं कि पारिवारिक जिम्मेदारी, नौकरी और बेटे की परवरिश के बाद बचे समय में ही तैयारी की।
वह बताती हैं कि इसके लिए उन्होंने कोई कोचिंग नहीं की, बल्कि खुद से ही नोट्स तैयार कर परीक्षा की तैयारी शुरू की। बताया कि लक्ष्य के प्रति एकाग्रता ही सफलता तय करती है। पाठ्यक्रम में शामिल विषयों को पढ़ें। बाजार में तमाम भ्रमित करने वाली किताबें उपलब्ध हैं। किताबों के चयन में किसी अनुभवी शिक्षक व परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके लोगों से सलाह ले सकते हैं। हमने अलग से कुछ नहीं किया। वह अपनी सफलता का श्रेय पति शिवेंद्र पांडेय, ससुर रामसुख पांडेय और सास सुमन पांडेय को देती हैं।
मां के अंतिम संस्कार के बाद साक्षात्कार
मां की मौत के बीच साक्षात्कार देकर पीसीएस परीक्षा में सफलता का इतिहास अंबेडकरनगर के अकबरपुर निवासी श्रेया उपाध्याय ने रचा है। मां के पार्थिव शरीर के अंतिम क्रियाकर्म के अगले दिन ही उन्होंने अत्यंत मजबूत हौसले के साथ साक्षात्कार दिया। भावुक श्रेया ने कहा कि उनकी मां ने 2015 में यूपीएससी टॉपर रहीं टीना डाबी से प्रेरणा लेकर सफलता अर्जित करने को कहा था। मां की इस इच्छा को उन्होंने पूरा तो कर दिखाया लेकिन इसे देखने के लिए वह नहीं रहीं। अकबरपुर नगर में रहकर मोबाइल की दुकान चलाने वाले घनश्याम उपाध्याय की पुत्री श्रेया ने अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों में पीसीएस परीक्षा उत्तीर्ण की है। उन्हें चौथे प्रयास में यह परीक्षा पास कर डीपीआरओ बनने में सफलता मिली है।
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