उत्तराखंड में वन क्षेत्र में अवैध कब्जों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। धर्मस्थल के नाम पर किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त करने के लिए वन विभाग की टीम युद्धस्तर पर कार्य कर रही है। बीते एक माह में अभियान चलाकर कुल 429 अवैध धर्मस्थल हटा दिए गए। इनमें 388 मजार और 41 मंदिर शामिल हैं। अब तक वन विभाग 252 हेक्टेयर भूमि को कब्जामुक्त करा चुका है।
सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है। प्रभागीय वनाधिकारियों को अपने-अपने प्रभाग में भारतीय वन अधिनियम (उत्तराखंड संशोधन)-2002 के सुसंगत प्रविधानों के अनुसार वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए हैं। वन विभाग की ओर से अवैध धर्मस्थलों को चिह्नित करने और उन्हें हटाने की प्रक्रिया जारी है। नोडल अधिकारी मुख्य वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते ने बताया कि गुरुवार को बदरीनाथ वन प्रभाग में वन भूमि पर अतिक्रमण हटाया गया।
साथ ही कार्बेट टाइगर रिजर्व में भी अवैध धर्मस्थलों को हटाने की कार्रवाई जारी रही। प्रथम चरण में प्रदेश में 500 से अधिक अवैध धर्मस्थल चिह्नित किए गए। जिनमें से ज्यादातर हटा दिए गए हैं, जबकि कुछ धर्मस्थलों को नोटिस भेजे गए हैं। प्रभागीय वनाधिकारी सेटेलाइट के माध्यम से भी अवैध निर्माण को चिह्नित कर रहे हैं। नोडल अधिकारी ने बताया कि सभी प्रभागों को कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।वन क्षेत्र में अतिक्रमण कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अवैध निर्माण के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। वर्तमान में वर्ष 1980 के बाद बनाए गए अवैध धर्मस्थलों को हटाया जा रहा है। इससे पहले के निर्माण पर निर्णय बाद में लिया जाएगा।
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