Republic Day 2023: क्या आप जानते हैं कहां छपी थी देश के संविधान की पहली कॉपी? देहरादून से जुड़ा इसका इतिहास
देहरादून: Republic Day 2023 : देश इस साल अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। हर साल 26 जनवरी का दिन प्रत्येक भारतीय के लिए बेहद खास होता है। पहली बार 26 जनवरी, सन 1950 को पहली बार गणतंत्र दिवस मनाया गया था।
इसी दिन भारत का संविधान भी लागू किया गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस संविधान पर दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र टिका हुआ है, उसकी पहली कॉपी कहां छपी थी।
सर्वे ऑफ इंडिया की प्रेस में छपी थीं मूल प्रति
- भारतीय संविधान की पहली कॉपी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में छपी थी।
- संविधान की पहली कॉपी देहरादून के सर्वे ऑफ इंडिया की प्रेस में छापी गई थीं।
- उस दौरान संविधान की एक हजार प्रतियां छापी गई थीं।
- आज भी देहरादून के सर्वे ऑफ इंडिया के म्यूजियम में संविधान की एक कॉपी रखी हुई है।
- यहां आपको यह भी बता दें कि संविधान की पहली मूल प्रति हाथ से लिखी गई थी।
- यह हस्त लिखित मूल प्रति नई दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में सुरक्षित है।
- दिल्ली निवासी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने भारत के संविधान की मूल प्रति को हाथ से लिखा था।
- सर्वे ऑफ इंडिया की वेबसाइट में इसे ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में दर्ज किया गया है।
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सर्वे ऑफ इंडिया का अहम योगदान
भारत का संविधान प्रकाशित करने में देहरादून स्थित सर्वे ऑफ इंडिया का अहम योगदान रहा है। तब सर्वे ऑफ इंडिया का मुख्यालय देहरादून में हुआ करता था।
यहां नॉदर्न प्रिंटिंग ग्रुप में पहली बार इसकी एक हजार प्रतियां प्रकाशित की गईं थीं। इसे फोटोलिथोग्राफिक तकनीक से प्रकाशित किया गया था। इसी तकनीक से सर्वे ऑफ इंडिया नक्शे भी बनाता है।
नौ नंबर मशीन से छापी गई थीं एक हजार प्रतियां
अंग्रेजों ने सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया का गठन कर चार प्रिंटिंग ग्रुपों (नार्दर्न, ईस्टर्न, साउदर्न और वेस्टर्न प्रिटिंग ग्रुप) को भारत में स्थापित किया था। नार्दन प्रिटिंग ग्रुप देहरादून में बनाया गया था। इसी प्रेस की नौ नंबर मशीन से भारत के संविधान की पहली प्रति छापी गई थी। जिसकी एक हजार कॉपियां छापी गई थीं।
कैसे तैयार हुआ संविधान
- 1946 में संविधान सभा की स्थापना हुई। जिसमें 389 सदस्य थे। सभा की पहली बैठक नौ दिसम्बर, 1946 को हुई।
- दिसम्बर 11, 1946, को डा. राजेन्द्र प्रसाद को स्थाई चेयरमैन चुना गया।
- देश के विभाजन के बाद सदस्य संख्या घट कर 299 रह गई।
- तब संविधान सभा में आठ मुख्य समितियां और 15 अन्य समितियां थीं।
- डा.बीआर अम्बेडकर ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन थे।
- हस्तलिखित संविधान पर 24 जनवरी 1950 को 284 संसद सदस्यों ने साइन किए थे।