पीएम नरेंद्र मोदी नए संसद भवन को 28 मई… राष्ट्र को समर्पित करेंगे

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नए संसद भवन का निर्माण पूरा हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी 28 मई को इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे। नए भवन को 64,500 वर्ग मीटर के एरिया में बनाया गया है। इसमें लाउंज, लाइब्रेरी, कमेटी हॉल, कैंटीन और पार्किंग जैसी कई सुविधाएं हैं। करीब 12 सौ करोड़ की लागत से बनी आलीशान संसद में सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाई गई हैं। संसद के उद्घाटन में महज तीम दिन ही बचे हैं। तैयारियां जोर-शोर के साथ चल रही हैं। इसी बीच अमर उजाला डिजिटल सबसे पहले अपने पाठकों के लिए संसद भवन के अंदर की कुछ तस्वीरें लेकर आया है। नए संसद को अंदर से कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है।

 

नए संसद भवन की डिजाइनिंग गुजरात की आर्किटेक्चर फर्म एचसीपी डिजाइन ने की है। एचसीपी डिजाइन इससे पहले गुजरात के गांधीनगर में सेंट्रल विस्टा, राज्य सचिवालय, अहमदाबाद में साबरमती रिवर फ्रंट डेवलपमेंट जैसे कई प्रोजेक्ट्स डिजाइन कर चुका है। निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने किया है।

नए संसद भवन को तिकोने आकार में डिजाइन किया गया है। इसमें लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है। राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने की क्षमता है। संसद के संयुक्त संत्र के दौरान 1272 सदस्यों की बैठने की व्यवस्था होगी।

 

लोकसभा और राज्यसभा के कक्ष में हर बेंच पर दो सदस्य के बैठने की व्यवस्था होगी। हर सीट पर डिजिटल सिस्टम और टच स्क्रीन लगाई गई है। नए संसद भवन में लेटेस्ट ऑडियो-विजुअल सिस्टम होंगे। ये सिस्टम समिति कक्ष में भी लगाए जाएंगे।

 

नए संसद भवन में लोकसभा में राष्ट्रीय पक्षी के मोर जैसा, जबकि राज्यसभा को राष्ट्रीय पुष्प कमल की तरह डिजाइन किया गया है। नए भवन में देश के विभिन्न क्षेत्रीय कला और शिल्प कला को दर्शाया जाएगा। यह आधुनिक भारत की जीवंतता और विविधता को प्रतिबिंबित करेंगे।

 

करीब 64,500 वर्ग मीटर में फैली नई संसद में भूकंप के बचाव के सारे इंतजाम किए गए है। इसमें रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और छतों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाए गए है। सरकार ने नए संसद भवन में दिव्यांग लोगों का ध्यान रखा है। उनके लिए अलग से व्यवस्था की गई है।

 

नए संसद भवन में अहम कामकाज के लिए अलग ऑफिस बनाए गए हैं, जो हाईटेक सुविधाओं से लैस है। कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के तमाम कमरों में भी हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं।

 

नई संसद की सबसे बड़ी विशेषता संविधान हॉल है। ये भवन के बीचोंबीच बना हुआ है। इसके ऊपर अशोकस्तंभ लगा है। इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी। 28 मई, 2023 को पीएम नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। पुराने संसद भवन के निर्माण में छह वर्ष का समय लगा था, जबकि नए संसद भवन को बनाने में तीन साल का समय लगा है।

 

पुराने संसद भवन को बनाने में उस दौर में 83 लाख रुपये का खर्च आया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए संसद भवन को बनाने में करीब 1200 करोड़ रुपये का खर्च आया है। नए भवन की ऊंचाई संसद के मौजूदा भवन के बराबर ही होगी। इसमें एक बेसमेंट सहित तीन फ्लोर होंगे। नई इमारत पुरानी से करीब 17,000 वर्गमीटर ज्यादा बड़ी होगी। इसमें देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के सफर के साथ-साथ विविध संस्कृति और धरोहरों की झलक दिखेगी।

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