अल्मोड़ा। जिले में बढ़ रहे बंदरों के आतंक से गांव, नगर के लोग परेशान हैं। बंदर खेती को नुकसान पहुंचाने के साथ ही राहगीरों पर हमला भी कर रहे हैं। हालात यह हैं कि पिछले एक साल में बंदरों के हमले से घायल 320 लोगों को अस्पताल आना पड़ा है। ऐसे में छोटे बच्चों को अकेले स्कूल भेजने में भी अभिभावक डर रहे हैं।
नगर के ढूंगाधारा, पूर्वी, पश्चिमी पोखरखाली, रानीधारा, खत्याड़ी, सरकार की आली, नृसिंहबाड़ी, चीनाखान, धारानौला आदि मोहल्लों में बंदरों का आतंक है। बंदर अकेले आवाजाही करने वाले लोगों पर हमले की घटनाएं बढ़ गईं हैं। पिछले एक साल में 300 से अधिक लोग बंदरों के हमले में घायल हुए हैं। तीन माह के भीतर ही बंदरों के हमले की 54 घटनाएं सामने आईं हैं। ऐसे में लोगों ने प्रशासन, वन विभाग, नगर पालिका से बंदरों से आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। वहीं ईओ नगर पालिका भरत त्रिपाठी ने कहा कि बंदरों को पकड़ने के लिए जल्द अभियान चलाया जाएगा।
खेती को भी पहुंचा रहे नुकसान
अल्मोड़ा। हवालबाग, मटेला, लमगड़ा, सोमेश्वर, स्याल्दे सहित जिले के विभिन्न हिस्सों में बंदरों के आतंक से किसान परेशान हैं। बंदर बागवानी और फलों को खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है। घर, दुकान और रसोई तक से बंदर सामान निकालकर ले जा रहे हैं। हालात यह हैं कि भगाने पर बंदर हिंसक होकर लोगों पर हमला करने लगे हैं।
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