सीएम सुरक्षा कमांडो की गोली लगने से गई जान, अब मौत पर उठ रहे ये चार बड़े सवाल
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सुरक्षा में तैनात पुलिस के कमांडो प्रमोद रावत की गोली लगने से मौत हो गई। घटना के समय प्रमोद मुख्यमंत्री आवास से सटे पुलिस बैरक में थे। गोली उनकी एके-47 से चली है। पुलिस अधिकारियों व फारेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल की।
उठ रहे ये चार बड़े सवाल
- प्रमोद रावत की मौत की घटना के बाद कई सवालों के जवाब आने अभी बाकी हैं। सबसे बड़ा सवाल ये है कि यदि प्रमोद ने खुद को गोली मारी तो इसके कारण क्या रहे?
- क्यों उन्हें खुद को गोली मारने के लिए विवश होना पड़ा?
- अगर दुर्घटनावश गोली चली तो कैसे चल गई?
- प्रमोद की छुट्टी को लेकर भी चर्चा हैं। बताया जा रहा है कि प्रमोद ने 16 जून से छुट्टी मांगी थी और वह मंजूर भी हो गई थी, तो यह बात क्यों सामने आई कि छुट्टी न मिलने के कारण उन्होंने गोली मारी? इस मामले में पुलिस स्वजन से भी बात करेगी, इसके बाद ही सही कारणों का पता चल पाएगा।
छह माह पहले युवती ने सर्वेंट क्वाटर में लगाई थी फांसी
मुख्यमंत्री आवास के बगल में बैरक के पीछे सर्वेंट क्वार्टर में छह महीने पहले एक युवती ने भी आत्महत्या की थी। 10 नवंबर 2022 को युवती ने कमरे में ही फांसी लगा दी थी। युवती की ओर से आत्महत्या के कारणों का अब तक पता नहीं लग पाया है। रुद्रप्रयाग जिले के तौसी गांव त्रियुगीनारायण की रहने वाली युवती सुलेखा अपने भाई कौशल के साथ मुख्यमंत्री आवास के सर्वेंट क्वार्टर में रहती थी।
कौशल गाय की देखभाल करता है जबकि सुलेखा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थी। 10 नवंबर की दोपहर के समय कौशल बाजार गया हुआ था इसी दौरान सुलेखा ने अपने कमरे में फांसी लगा ली। बताया जा रहा है कि दो साल पहले सुलेखा के भाई ने भी अनारवाला में फांसी लगाई थी। घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। इस मामले की पुलिस पहले जांच करने की बात कह रही थी, लेकिन इस मामले में कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगे।