9 January 2025

Guru Purnima 2023: गुरु पूर्णिमा 3 जून , जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि

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आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसी दिन महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। गुरु पूर्णिमा को वेदव्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। महर्षि वेद व्यास जी ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था, इसलिए महर्षि वेदव्यास जी को प्रथम गुरु माना जाता है। हिंदू धर्म में गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि गुरु ही भगवान के बारे में बताते हैं और भगवान की भक्ति का मार्ग दिखाते हैं। ऐसे में प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा के तौर पर बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। चलिए जानते हैं इस साल गुरु का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि…

 

गुरु पूर्णिमा 2023 तिथि 
पंचांग के अनुसार इस साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 2 जुलाई 2023 को रात में 8 बजकर 21 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 3 जुलाई, 2023 शाम 5 बजकर 08 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई 2023, सोमवार के दिन मनाई जाएगी।
गुरु पूर्णिमा पूजा विधि 
  • गुरु पूर्णिमा वाले दिन गुरु की पूजा की जानी चाहिए।
  • इस दिन सुबह सबसे पहले स्नानादि के बाद साफ कपड़े पहनें।
  • फिर अपने घर के पूजा स्थल में लगे देवी-देवताओं की प्रतिमा को प्रणाम करते हुए उनकी विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करें।
  • इसके बाद पूजा स्थल पर रखें अपने गुरु की तस्वीर को माला फूल अर्पित कर उनका तिलक करें।
  • पूजन के बाद अपने गुरु के घर जाकर उनका पैर छूकर आशीर्वाद जरूर लें।
गुरु पूर्णिमा पूजन सामग्री 
इस दिन पूजन में पान का पत्ता, पीला कपड़ा, पीला मिष्ठान, नारियल, पुष्प, इलायची, कर्पूर, लौंग व अन्य सामग्री शामिल करें। इन चीजों के बिना गुरु पूर्णिमा की पूजा अधूरी मानी जाती है।
गुरु पूर्णिमा का महत्व 
गुरु अपने शिष्य को सही मार्ग दिखाने का काम करते हैं। इसलिए गुरुओं के सम्मान में हर साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन ये पर्व मनाया जाता है। ऐसे में गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुओं और बड़ों का आशीर्वाद लें।

 

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