6G नेटवर्क की टेस्टिंग देश में जल्द शुरू होगी:’भारत 6G एलायंस’ लॉन्च हुआ, 4 से 6 हफ्ते के अंदर होगा चीप फैक्ट्री शिलान्यास

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भारत में टेलीकॉम टेक्नोलॉजी और 6G सर्विस को डेवलप करने के लिए आज (3 जुलाई) ‘भारत 6जी एलायंस’ (Bharat 6G Alliance) को लॉन्च कर दिया गया है। दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में यूनियन टेलीकॉम और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी शुरुआत की।

इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गुजरात में 4 से 6 हफ्तों के अंदर भारत की पहली सेमीकंडक्टर चीप प्लांट का शिलान्यास किया जाएगा। वैष्णव ने ये भी कहा, ‘हम डेटा संरक्षण विधेयक के साथ तैयार हैं। उम्मीद है, हम इसे संसद के मानसून सत्र में पेश करेंगे।’

 

 

यहां हम आपको भारत 6G एलियांस और सेमीकंडक्टर चीप फैक्ट्री के बारे में बता रहे हैं…

2030 तक दो फेज में पूरा होगा काम
टेलीकॉम मंत्री ने कहा कि आज ‘भारत 6जी अलायंस’ (B6GA) के नाम से एक संस्था तैयार की गई है। यह जल्द ही देश में 6G नेटवर्क के लिए टेस्टिंग शुरू करेगी। ये संस्था डॉमेस्टिक इंडस्ट्री, अकेडमिक इंस्टीट्यूशन, नेशनल सिसर्च इंस्टीट्यूशंस और सरकार से सहायता प्राप्त ऑर्गेनाइजेशंस का गठबंधन है। अलग-अलग सेक्टर की ऑर्गेनाइजेशन्स की मदद सरकार करेगी।

भारत 6G एलियांस के तहत इनोवेशंस के लिए रिसर्च और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। यह मिशन दो फेज में पूरा होगा। पहला फेज 2023-2025 (दो साल का) और फेज-2 2025 से 2030 तक पूरा होगा। यानी देश में 6G सर्विस शुरू हो जाएगी।

 

 

देश में 5G की 2.70 लाख साइट तैयार
उन्होंने कहा कि भारत 6G टेक्नलॉजी में 200 से ज्यादा पेटेंट प्राप्त कर चुका है। ये एलायंस भारत को 2030 तक 6G टेक्नोलॉजी और मैनुफैक्चरिंग में अग्रणी योगदान करने वाला देश बनने में सक्षम बनाएगा। भारत आज विश्व में 3 सबसे बड़े 5G इको सिस्टम में शामिल हो गया है। देश में 5G की 2.70 लाख साइट तैयार हो चुकी हैं।

6G में कितनी इंटरनेट स्पीड मिलेगी? ये 5G और 4G से कितना तेज है?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि 6G की इंटरनेट स्पीड 5G से 100 गुना ज्यादा हो सकती है। यानी करीब 100 गीगाबाइट प्रति सेकेंड। इसे ऐसे समझें कि 6G आ जाने से नेटफ्लिक्स से 142 घंटे का कंटेंट सिर्फ 1 सेकेंड में डाउनलोड किया जा सकेगा।

जहां 5G अपने पीक पर हर सेकेंड 10 गीगाबाइट तक की स्पीड दे सकता है, वहीं 6G से उम्मीद है कि वो हर सेकेंड अल्ट्रा लो लेटेंसी के साथ 1 टेरा बाइट तक की स्पीड दे पाएगा। अल्ट्रा लो लेटेंसी का मतलब है कि कम से कम समय में ज्यादा डेटा को प्रोसेस करने की क्षमता।

इसका सीधा असर हमारे इंटरनेट इस्तेमाल करने पर पड़ेगा। ऑनलाइन मीटिंग्स से लेकर गेमिंग तक सब 6G के आने से और सटीक हो पाएंगे यानी आप रियल टाइम में सब कुछ देख और सुन पाएंगे।

 

6G शुरू होने से लोगों की जिंदगी में क्या कुछ बदल जाएगा?

  • इसके जरिए ऑटोमिक तरीके से मेट्रो और दूसरी गाड़ियों को बिना ड्राइवर आसानी से ऑपरेट करना संभव होगा।
  • वर्चुअल रियलिटी और रोबोट का इस्तेमाल न सिर्फ 6G के आने से बढ़ेगा, बल्कि इस इंडस्ट्री में ग्रोथ की संभावनाएं भी तेजी से बढ़ेंगी।
  • 6G लागू होने से दुनिया भर में क्या बदलेगा? इस सवाल के जवाब में नोकिया के CEO पेक्का लंडबर्ग कहते हैं कि 6G के लागू होने के बाद दुनिया भर में स्मार्टफोन का महत्व कम जाएगा। स्मार्टफोन का इस्तेमाल जारी रहेगा, लेकिन लोग इसे नए अपडेटेड फॉर्म में यूज करने लगेंगे।
  • उन्होंने कहा, ‘स्मार्टफोन का इस्तेमाल भले ही होते रहेगा, लेकिन हमारे बीच ‘साइबॉर्ग’ और ‘ब्रेन कंप्यूटर’ जैसी टेक्नोलॉजी होगी। ये टेक्नोलॉजी सीधे हमारे शरीर से जुड़ी होगी।’
  • ‘साइबॉर्ग’ का मतलब यह है कि चिप्स और दूसरी टेक्नोलॉजी को इंसान के शरीर में फिट किया जा सकता है। पेक्का लंडबर्ग दावा करते हैं कि इस टेक्नोलॉजी के जरिए इंसान के बॉडी पार्ट को किसी मशीन के जरिए रिप्लेस किया जा सकता है।

दिसंबर 2024 तक देश में बनने लगेगी सेमीकंडक्टर चिप
वैषणव ने कहा, ‘सेमीकंडक्टर चिप फैक्ट्री के लिए पहले ही गुजरात में भूमि आवंटित हो चुकी है। उम्मीद है कारखाने का शिलान्यास समारोह अगले 4 से 6 सप्ताह में होगा। इस फैक्ट्री में सेमीकंडक्टर चिप का प्रोडक्शन दिसंबर 2024 तक शुरू हो जाएगा।

5 कंपनियों को चिप डिजाइन के लिए मंजूरी मिली
वैष्णव ने यह भी कहा कि सरकार की डिजाइन-लिंक्ड इंसेन्टिव (DLI) स्कीम के तहत 5 कंपनियों को मंजूरी दी गई है। इन कंपनियों ने चिप डिजाइन करने के लिए अच्छे प्रस्ताव दिए हैं, जिनमें एक सैटेलाइट कम्युनिकेशन के लिए और एक बीम फॉर्मेशन के लिए है। इसलिए हमें कुछ बहुत ही जटिल चिप डिजाइन करने के प्रस्ताव मिले हैं।

माइक्रोन भारत में 6,758 करोड़ रुपए निवेश करेगी
28 जून को अमेरिकी चिप मेकर कंपनी माइक्रोन (Micron) ने सेमीकंडक्टर चिप प्लांट के लिए भारत सरकार के साथ एक एग्रीमेंट किया था। माइक्रोन का कहना है कि वह इस फैसिलिटी में 82.5 करोड़ डॉलर यानी करीब 6,758 करोड़ रुपए तक का निवेश करेगी। इस तरह चिप मैन्युफैक्चरिंग के लिए भारत सरकार सहित कुल 2.75 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा।

अमेरिका में माइक्रोन CEO से मिले थे मोदी
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के प्रमुख मुद्दों में से एक माइक्रोन के साथ डील का मुद्दा भी था। मोदी ने 21 जून को वाशिंगटन में माइक्रोन के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) संजय मेहरोत्रा से मुलाकात की और उन्हें ‘भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने’ के लिए आमंत्रित किया।

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