Uttarakhand: 16 लाख घरों में लगेंगे स्मार्ट मीटर, ऐसे रुकेगी बिजली चोरी, पुराने केबल भी बदले जाएंगे

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दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में उत्तराखंड के सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम और यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार शामिल हुए। उन्होंने राज्य की ओर से सभी जरूरी मानकों को पूरा करने की विस्तार से जानकारी दी।

प्रदेश के 16 लाख घरों में यूपीसीएल स्मार्ट मीटर लगाएगा। वहीं, बिजली चोरी रोकने को एबीसी केबल डाले जाएंगे। पुराने केबल भी बदले जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार से 2600 करोड़ की सौगात मिली है। यह पैसा यूपीसीएल की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर मानकों को पूरा करने के आधार पर दी गई है।

दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में उत्तराखंड के सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम और यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार शामिल हुए। उन्होंने राज्य की ओर से सभी जरूरी मानकों को पूरा करने की विस्तार से जानकारी दी। इसके आधार पर राज्य को 2600 करोड़ रुपये वर्ष 2025 तक खर्च करने को स्वीकृति मिल गई। इसमें राज्य को केवल 10 प्रतिशत यानी 260 करोड़ खर्च करना होगा। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि प्रदेश में कुल 26 लाख उपभोक्ता हैं, जिनमें से 16 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। यह मीटर इंटरनेट से जुड़े होंगे जो कि प्रीपेड मीटर की तरह काम करेंगे। जब रिचार्ज खत्म होने वाला होगा तो उपभोक्ता के पास मैसेज आ जाएगा।

समय पर रिचार्ज न करने पर बिजली ऑटोमैटिक कट जाएगी। बिलिंग की दिक्कतें दूर होंगी और विवाद भी खत्म होंगे। लोगों को बिजली बचाने के प्रति प्रेरणा भी मिलेगी। उन्होंने बताया कि 10 लाख परिवार ऐसे पर्वतीय क्षेत्रों में रहते हैं, जहां इंटरनेट की कनेक्टिविटी काफी कमजोर है। केंद्र सरकार की मंशा के तहत यहां बिना इंटरनेट वाले प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। वहीं, कुछ जगहों पर पुराने केबल बदले जाएंगे। कुछ शहरों में बिजली की लाइनें भूमिगत की जाएंगी।

सरकारी दफ्तरों के बकाये का झंझट भी होगा खत्म
सरकारी दफ्तरों में करोड़ों के बकाये का झंझट भी खत्म हो जाएगा। ऊर्जा विभाग सभी सरकारी दफ्तरों में प्रीपेड मीटर लगाएगा। यानी, अगर वह समय से रिचार्ज नहीं करेंगे तो उनकी बिजली कट जाएगी, जो कि रिचार्ज करने के बाद ही दोबारा शुरू होगी।

 

बिजली चोरी रोकने को एबीसी
प्रदेश में हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर जैसे शहरों में सबसे ज्यादा बिजली चोरी होती है। इस बजट से इन क्षेत्रों में एरिया बंच केबल (एबीसी) डाले जाएंगे। इन केबल की खासियत ये होती है कि इनमें कटिया नहीं डाली जा सकती। इसके तहत बिजली के कवर्ड तारों का पूरा बंडल ही एक खंभे से दूसरे खंभे तक जाता है।
ऊर्जा मंत्रालय के मानकों के हिसाब से राष्ट्रीय औसत के मुकाबले कई पैमानों में हम काफी बेहतर हैं। मंत्रालय ने इस आधार पर हमारी मांग के हिसाब से पैसा स्वीकृत किया है। अब लाइनलॉस रोकने को बड़े पैमाने पर काम होगा। काफी बदलाव नजर आएंगे।
आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव, ऊर्जा
admin

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