डीपफेक कंटेंट पर सरकार बेहद ही गंभीर रवैया अपना रही है। हाल ही में इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों के साथ सरकार की एक बैठक हुई है जिसके बाद कहा गया कि दिसंबर के पहले सप्ताह में डीपफेक के खिलाफ नया नियम लागू होगा। इसे लेकर टेक कंपनियों के साथ चर्चा हो रही है। अब केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डीपफेक जैसे कंटेंट की जांच के लिए एक अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। यह अधिकारी इस तरह के कंटेंट को मॉनिटर करेंगे और शिकायतों का तय समय में निपटारा करेंगे।
राजीव चन्द्रशेखर ने मीडिया से कहा, “आज हमने इंटरनेट की सभी प्रमुख कंपनियों के साथ एक लंबी बैठक की। हमने उनके साथ डीपफेक का मुद्दा उठाया है। मैंने उन्हें याद दिलाया कि अक्टूबर 2022 से ही भारत सरकार उन्हें गलत सूचना और डीपफेक के खतरे के प्रति सचेत कर रही है।’
उन्होंने आगे कहा कि सभी लोग इस बात पर सहमत हुए हैं कि आईटी अधिनियम के तहत मौजूदा आईटी नियम डीपफेक से निपटने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि देश का आईटी अधिनियम 23 साल पुराना है जिसका पालन करना टेक और सोशल मीडिया कंपनियों की जिम्मेदारी है।
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को सूचित किया गया है कि आज से इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और भारत सरकार एक ‘सात नियम अधिकारी’ को नामित करेगी और सभी प्लेटफार्मों से 100% अनुपालन की अपेक्षा करेगी। बाल यौन शोषण कंटेंट के अलावा अब डीपफेक को भी बैन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि फेक न्यूज को रोकना सोशल मीडिया कंपनियों का “कानूनी दायित्व” है। यदि किसी कंटेंट को लेकर शिकायत होती है तो शिकायत के 36 घंटे के भीतर उसे हटाना होगा। इसके अलावा इस तरह के कंटेंट को बैन भी करना होगा।
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