9 January 2025

Dehradun: सहकारी बैंकों ने तेज की एनपीए की वसूली, ढाई सौ करोड़ वसूले, जल्द होगी पांच और संपत्तियों की नीलामी

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उत्तराखंड जिला सहकारी बैंकों ने चेयरमैन का कार्यकाल समाप्त होने और प्रशासकों की नियुक्ति के साथ ही बैंकों ने बकाया ऋण (एनपीए) की वसूली का अभियान तेज कर दिया है। सहकारी बैंकों का करीब 250 करोड़ रुपये एनपीए के रूप में फंसा है। अभियान शुरू होने के बाद अब तक 5.5 करोड़ रुपये एनपीए की वसूली हो चुकी है।

 

 

इस दौरान चार संपत्तियों की नीलामी भी की गई, जबकि पांच अन्य की नीलामी की तैयारी है। राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक नीरज बेलवाल ने पिछले दिनों बैंकों को वसूली अभियान तेज करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद बैंक प्रबंधन की ओर से एनपीए के रूप में पड़ी राशि की वसूली के लिए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

एनपीए खातों से 33 करोड़ की वसूली की गई
बैंक मुख्यालय स्तर पर एक ऋण वसूली सेल का गठन किया गया है। इसके अलावा अनुभाग अधिकारी विकास एवं उपमहाप्रबंधक विकास की नियुक्ति की गई है, जो मुख्यालय स्तर पर उपमहाप्रबंधक के दिशा-निर्देशों के तहत कार्य कर रहे हैं। इस सेल का मुख्य कार्य वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़े हुए एनपीए पर नियंत्रण करना और ऑनलाइन आरसी साल्वेशन एवं सरफेसी एक्ट 2002 के तहत सख्त कार्रवाई कर एनपीए रिकवरी में तेजी लाना है।

 

 

अकेले पिथौरागढ़ जिला सहकारी बैंक का एनपीए 90.91 करोड़ रुपये है। बैंक के सचिव व महाप्रबंधक दिग्विजय सिंह ने बताया कि अभियान के बाद एनपीए खातों से 33 करोड़ की वसूली की गई है।सरफेसी अधिनियम 2002 के तहत 19 ऐसे बकायेदारों को 13 (2) नोटिस जारी किए गए हैं। जिनसे संपर्क स्थापित करने के बाद भी ऋण राशि वसूलने में दिक्कत आ रही है, उनके घरों पर नोटिस चस्पा किए जा रहे हैं। इसके अलावा रजिस्टर्ड डाक से भी नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

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