Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर पहुंचेगा 1100 KG का दीपक, प्रज्जवलित करने पर एक महीने जलेगा, जानिए और भी खासियत

Share This News

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह और भक्तिमय माहौल है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भव्य बनाने के लिए रामभक्तों की तरफ से कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी तरह के प्रयास की एक झलक मंगलवार को अजमेर में देखने को तब मिली, जब गुजरात के वडोदरा से 1100 किलो का दीपक कोटा पहुंचा। जगह-जगह दीपक का स्वागत किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी। आइए, अब जानते हैं दीपक किसने बनाया और इसकी खासियत क्या हैं?

 

 

किसने बनाया दीपक और कहां से आया आइडिया? 
गुजरात के वडोदरा के रहने वाले रामभक्त अरविंद भाई पटेल पेशे से किसान हैं। उन्होंने 1100 किलो का दीपक बनवाया है। सात जनवरी को इसे मिनी ट्रक में रखकर अयोध्या के लिए रवाना किया गया था। मंगलवार 9 जनवरी को यह कोटा पहुंचा। अब 12 जनवरी तक यह अयोध्या राम मंदिर पहुंचेगा, जहां से स्थापित किया जाएगा। अरविंद ने बताया कि दीपक बनाने का आइडिया उन्हें वडोदरा से अयोध्या भेजी गई 108 फीट की आगरबत्ती की खबर सुनने के बाद आया। उन्होंने कहा- कि जब मुझे पता चला कि राम मंदिर के लिए यहां से आगरबत्ती भेजी गई है तो मुझे लगा कि एक दीपक भी होना चाहिए।

 

पंच धातु से बनाया गया 1100 किलो का दीपक
मन में ख्याल आने के बाद अरविंद ने दीपक बनाने की प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने वडोदरा में स्थित मकरपुरा जीआईडीसी फैक्ट्री में दीपक बनाने के लिए बात की। इंजीनियर्स के चर्चा करने के बाद अरविंद ने डिजाइन तैयार की और पंच धातु से दीपक बनाने का फैसला किया। करीब एक महीने में 1100 किलो के दीपक को बनाकर तैयार किया गया। इस दीपक को बनाने के लिए सोना, चांदी, तांबा, जस्ता और शीशा का उपयोग किया गया है। दीपक की ऊंचाई 9.15 फीट और चौड़ाई 8 फीट है।

मशाल से प्रज्जवलित किया जाएगा दीपक
इस दीपक में 500 किलो से ज्यादा घी एक बार में आएगा। दीपक को जलाने के लिए 15 किलो रुई की बाती एक बार में लगाई जाएगी। साथ ही दीपक को मशाल से प्रज्जवलित किया जाएगा, इसके लिए ऊपर तक पहुंचने के लिए एक सीढ़ी भी बनाई गई है। एक बार प्रज्जवलित करने के बाद यह दीपक एक महीने से ज्यादा समय तक जलेगा।

501 किलो घी साथ लेकर जा रहे अरविंद
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अरविंद ने कहा कि सनातन का सपना पूरा होने वाला है। हम अपने साथ 501 किलो घी साथ लेकर जा रहे हैं। दीपक को स्थापित करनके बाद इस घी से उसे प्रज्जवलित करेंगे। हालांकि, अरविंद ने दीपक बनने में आई लागत को बताने से इनकार कर दिया।
admin

Recent Posts

वृक्ष मित्र समीति के सौजन्य से राजकीय बालिका इंटर कालेज लाल पानी में फलदार वृक्षों का वितरण

कोटद्वार। " मत्स्यपुराण के अनुसार एक वृक्ष लगाकर पालन-पोषण करने वाला दस पुत्रों को पालने…

3 months ago

मतदान से नौ घंटे पहले प्रत्याशी ने लिया नाम वापस, प्रधान पद के लिए चुनाव रद्द

ग्राम पंचायत कितरोली में प्रधान पद के लिए मैदान में उतरे दो प्रत्याशियों में से…

3 months ago

Uttarakhand: सोलर प्रोजेक्ट लगाने वाली 12 फर्मों को झटका, आवंटन रद्द निर्णय की पुनर्विचार याचिका खारिज

सौर ऊर्जा नीति 2013 के अंतर्गत सोलर प्रोजेक्ट हासिल करने वाली 12 फर्मों को झटका…

3 months ago

एथिक्स यूनिवर्सिटी, उरेगी में हरेला पर्व के उपलक्ष्य में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन

पर्यावरण संरक्षण एवं सांस्कृतिक चेतना के उद्देश्य से स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी.. ऊरेगी, पौड़ी…

3 months ago