Uttarakhand: चंद दिनों में ही लोगों का सारथी बना होमगार्ड द्रुत एप, 40 दिन में दो लाख ने किया डाउनलोड

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होमगार्ड का द्रुत एप चंद दिनों में ही लोगों के बीच खासा लोकप्रिय हो गया है। इस एप जरिये लोग किसी भी आपदा या हादसे के वक्त अपनी मदद को होमगार्ड को बुला सकते हैं। होमगार्ड ने विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के जरिये इसे लोगों के बीच पहुंचाया है। इसी का परिणाम है कि महज 40 दिन में होमगार्ड के इस इमरजेंसी एप को दो लाख से भी ज्यादा लोगों ने डाउनलोड कर लिया।

गौरतलब है कि पिछले साल छह दिसंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने होमगार्ड के इस एप को लॉन्च किया था। कमांडेंट जनरल होमगार्ड केवल खुराना ने बताया कि इस एप के प्रचार प्रसार के लिए होमगार्ड ने विभिन्न स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए हैं। इनमें लोगों को शिक्षण संस्थानों, गांवों, बाजारों आदि में जागरूक किया गया है। होमगार्ड ने बाइक रैली निकालकर इस एप की विशेषताओं को बताया। मौजूदा समय में होमगार्ड नेपाल सीमा पर भी लोगों को स्थानीय भाषा में इसकी जानकारी दे रहे हैं। हर दिन हजारों की संख्या में लोग इस एप को डाउनलोड कर रहे हैं। अब तक दो लाख से अधिक लोगों ने इसे डाउनलोड किया है।

 

 

 

उत्तराखंड पुलिस एप से भी अधिक हुआ डाटा
उत्तराखंड पुलिस का एप भी काफी पुराना है। इस एप पर लोगों को इमरजेंसी में मदद पाने के अलावा अन्य फीचर भी मिलते हैं। यहां पर किरायेदारों के सत्यापन से लेकर अपनी एफआईआर तक दर्ज कराने की सुविधा मुहैया कराई जाती है। उत्तराखंड पुलिस के एप को भी लगभग दो लाख लोगों ने डाउनलोड किया है। लेकिन, होमगार्ड के इस इमरजेंसी एप को चंद दिनों में ही इतनी लोकप्रियता मिली है। बताया जा रहा है कि होमगार्ड विभाग आगामी छह महीनों में इसकी पहुंच 10 लाख लोगों तक कर सकता है।

जैसा नाम है, वैसा ही काम
होमगार्ड के द्रुत एप पर केवल एक क्लिक करने की जरूरत होती है। ऐसा करते ही द्रुत गति से होमगार्ड मदद के लिए आपके पास होंगे। इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड कर मोबाइल की लोकेशन खुली रखनी होती है। इस एप पर रजिस्टर्ड होने के बाद स्क्रीन पर एक क्लिक बटन आ जाएगा। उस पर क्लिक करते ही इस पर 60 सेकेंड का समय देकर पूछा जाता है कि आप नोटिफिकेशन भेजना चाहते हैं या नहीं। यस पर क्लिक करते ही होमगार्ड के कंट्रोल रूम को आपकी लोकेशन पहुंच जाती है। इसके कुछ समय बाद ही स्थानीय होमगार्ड आपकी मदद के लिए पहुंच जाएंगे। इसका उपयोग दुर्घटना या हादसे में मदद के लिए किया जाता है।

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