आगरा के एसएन मेडिकल काॅलेज में फिरोजाबाद की 11 साल की बच्ची को उपचार के लिए लाया गया था। इस बच्ची ने गलती से पिन निगल ली थी, जो फेफड़ों तक पहुंच गई। मुंह से रक्त आने के साथ सांस लेने में भी परेशानी होने लगी। गंभीर हाल में मरीज एसएन मेडिकल काॅलेज इमरजेंसी में भर्ती हुई, यहां ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई है।
ईएनटी रोग विभाग की डॉ. रीतू गुप्ता ने बताया कि 11 साल की बच्ची अजरा (सिर को ढकने का कपड़ा) पहनते वक्त पिन मुंह में दबा ली। खांसी आने से पिन सांस नली में पहुंच गई। सांस लेने के कारण पिन फेफड़े तक पहुंच गई। इससे बच्ची को सांस लेने में परेशानी होने लगी, रक्त भी आने लगा। ये देख परिजन घबरा गए, पास के अस्पताल लेकर गए तो वहां एसएन लेकर जाने के लिए कहा।
यहां शुक्रवार को इमरजेंसी में भर्ती होने पर इसका एक्सरे किया। इसमें पिन दिखाई दी, जो श्वास नली से फेफड़े के बीच रास्ता जिसे ब्रोंकस कहते हैं, वहां फंसी हुई थी। ब्रोंकोस्कॉपी के जरिये पिन निकाली। इसकी लंबाई 3.5 इंच थी। बच्ची की हालत सामान्य होने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया है।
इन बातों का रखें ख्याल:
-5 साल तक के छोटे बच्चों को मूंगफली, पॉपकॉर्न, चना, सिक्का, पिन नहीं दें।
-पिन, सुई समेत नुकीली सामान को मुंह में न दबाएं।
-भोजन करते वक्त बात न करें, हंसे भी नहीं।
-3 साल से कम उम्र के बच्चों को छोटे खिलौने न दें।
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