प्रदेश के 3010 लोगों के लिए पर्यटन को रोजी-रोटी बनाने के मकसद उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने प्रशिक्षण दिया है। मार्च तक चार हजार को प्रशिक्षण देने की योजना है। सैलानियों को राज्य की धरोहर, पुरातत्व, इतिहास, संस्कृति से रूबरू कराने के लिए पर्यटन विभाग ने केंद्रीय परिषद टीएचएससी के साथ प्रशिक्षण की शुरुआत की।
इसके तहत ऋषिकेश, गंगोलीहाट, धारचूला, बड़कोट, रामनगर, कैंचीधाम, रुड़की, मुकतेश्वर, लोहाघाट, कोटद्वार, काशीपुर, देवप्रयाग, रानीखेत, द्वाराहाट, अल्मोड़ा, हर्षिल, चकराता, नानकमत्ता, मुनस्यारी, बेरीनाग, मोरी, सोमेश्वर, हनोल, लैंसडौन में 730 हेरिटेज टूर गाइड प्रशिक्षित किए गए।
देहरादून, ऋषिकेश, कोटद्वार, नैनीताल, अल्मोड़ा, काठगोदाम, टनकपुर में 500 टैक्सी चालकों को प्रशिक्षित किया गया। चारधाम यात्रा मार्ग पर 1280 गेस्ट हाउस केयर टेकर, भोजनालय के मालिक, सर्वर और क्लीनर, कोमी शेफ को प्रशिक्षित किया गया। 500 नेचर गाइड को मसूरी, नैनीताल, नानकमत्ता, देहरादून, बिनसर, हरिद्वार, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, लोहाघाट, मुनस्यारी में प्रशिक्षित किया गया।
आगामी मार्च तक विभिन्न पर्यटन स्थलों पर 270 हेरिटेज टूर गाइडों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 720 गेस्ट हाउस केयरटेकर, चारधाम यात्रा मार्ग में भोजनालय के मालिक, सर्वर और क्लीनर, कोमी शेफ को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। अपर निदेशक पूनम चंद ने बताया कि प्रशिक्षण पाने वालों को रोजगार भी मिलने लगा है। लैंसडौन की होटल एसोसिएशन ने रोटेशन के आधार पर ऐसे लोगों को रखने का निर्णय लिया है।
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