Uttarakhand: इतिहास में पहली बार टूटे बिजली की डिमांड के रिकॉर्ड, रोजाना पड़ रहा करोड़ों रुपए का भार
Uttarakhand Power Demand Record Break उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी अब बिजली खरीद को लेकर मारामारी होने लगी है। जिससे राष्ट्रीय बाजार में बिजली के दाम आसमान छूने लगे हैं। रोजाना करीब पांच से आठ मिलियन यूनिट बिजली बाजार से खरीदी जा रही है। जिससे ऊर्जा निगम पर करीब आठ करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त भार पड़ रहा है।
Power Demand Record Break: उत्तराखंड में भीषण गर्मी के चलते मई में बिजली की मांग पहली बार 56 मिलियन यूनिट से अधिक चल रही है।
लगातार करीब एक सप्ताह से बिजली की खपत रिकार्ड स्तर पर बनी हुई है। ऐसे में ऊर्जा निगम की ओर से मांग के सापेक्ष बिजली उपलब्धता बनाए रखने के लिए महंगी दरों पर खरीद की जा रही है।
रोजाना करीब पांच से आठ मिलियन यूनिट बिजली बाजार से खरीदी जा रही है। जिससे ऊर्जा निगम पर करीब आठ करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त भार पड़ रहा है। हालांकि, जल विद्युत परियोजनाओं से उत्पादन बढ़ने से कुछ राहत मिली है, लेकिन ऊर्जा निगम की निर्भरता बाहर से बिजली खरीद पर बढ़ी हुई है।
बिजली खरीद को लेकर मारामारी
उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी अब बिजली खरीद को लेकर मारामारी होने लगी है। जिससे राष्ट्रीय बाजार में बिजली के दाम आसमान छूने लगे हैं। पीक समय में मांग के सापेक्ष विद्युत उपलब्धता के लिए ऊर्जा निगम बाजार से महंगी बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं को कम दरों पर उपलब्ध करा रहा है।
उत्तर भारत में प्रचंड गर्मी पड़ने से बढ़ती बिजली की डिमांड सभी राज्यों के लिए चुनौती बनी हुई है। उत्तराखंड में भी आपूर्ति सुचारु रखने के लिए ऊर्जा निगम राष्ट्रीय बाजार से महंगी बिजली खरीद को मजबूर है। पीक आवर्स में 10 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीदनी पड़ रही है। इसके अलावा आवश्यकता के अनुसार बिजली भी बाजार से नहीं मिल पा रही है।
गैस और कोयले पर आधारित पावर प्लांट से बिजली खरीद की देशभर में होड़ मची हुई है। बीते दो वर्ष में कोयला और गैस की कमी के कारण विद्युत उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ। तब देशभर में बिजली संकट उत्पन्न हो गया था। जिसके चलते राष्ट्रीय बाजार में बिजली के दाम 15 रुपये तक पहुंच गए थे। इस बार भी भीषण गर्मी के चलते मांग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।