पीटी ऊषा ने पहली बार राज्यसभा की अध्यक्षता की:कहा- जब अधिकार बड़े, तो जिम्मेदारियां भी बड़ी होती हैं, इसे मील का पत्थर साबित करूंगी
News Uttaranchal Online Desk : भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) की प्रेसिडेंट पीटी ऊषा ने गुरुवार को सभापति तथा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की गैर-मौजूदगी में राज्यसभा की अध्यक्षता की। उन्होंने इसका एक वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। पीटी ऊषा ने इस पल को गौरवपूर्ण बताते हुए आशा जताई कि वह इसे मील का पत्थर साबित करेंगी।
पिछले साल दिसंबर में उन्हें राज्यसभा के उपसभापतियों के पैनल में शामिल किया गया था। पैनल का हिस्सा बनने वाली वह पहली मनोनीत सांसद बनीं, जो सभापति और उपसभापति के मौजूद नहीं रहने पर सदन की कार्यवाही चला सकती हैं।
पीटी ऊषा भारत की स्टार रनर रह चुकी हैं। पिछले साल जुलाई में भाजपा ने उन्हें राज्यसभा सांसद के रूप में मनोनीत किया था। नवंबर 2022 में उन्हें IOA का प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया था।
अधिकार बड़े होते हैं, तो जिम्मेदारियां भी बड़ी होती है…
पीटी ऊषा ने सोशल मीडिया पर लिखा- फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट ने कहा था… जब अधिकार बड़े होते हैं, तो जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। इसे मैंने तब महसूस किया, जब मैंने राज्यसभा की अध्यक्षता की। मेरे अपने लोगों ने मुझपर विश्वास जताया। विश्वास और आस्था के साथ यह सफर करते हुए मैं उम्मीद करती हूं कि इसे मील का पत्थर साबित कर सकती हूं।
भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) की प्रेसिडेंट पीटी ऊषा ने गुरुवार को सभापति तथा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की गैर-मौजूदगी में राज्यसभा की अध्यक्षता की। उन्होंने इसका एक वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। पीटी ऊषा ने इस पल को गौरवपूर्ण बताते हुए आशा जताई कि वह इसे मील का पत्थर साबित करेंगी।
पिछले साल दिसंबर में उन्हें राज्यसभा के उपसभापतियों के पैनल में शामिल किया गया था। पैनल का हिस्सा बनने वाली वह पहली मनोनीत सांसद बनीं, जो सभापति और उपसभापति के मौजूद नहीं रहने पर सदन की कार्यवाही चला सकती हैं।
पीटी ऊषा भारत की स्टार रनर रह चुकी हैं। पिछले साल जुलाई में भाजपा ने उन्हें राज्यसभा सांसद के रूप में मनोनीत किया था। नवंबर 2022 में उन्हें IOA का प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया था।
अधिकार बड़े होते हैं, तो जिम्मेदारियां भी बड़ी होती है…
पीटी ऊषा ने सोशल मीडिया पर लिखा- फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट ने कहा था… जब अधिकार बड़े होते हैं, तो जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। इसे मैंने तब महसूस किया, जब मैंने राज्यसभा की अध्यक्षता की। मेरे अपने लोगों ने मुझपर विश्वास जताया। विश्वास और आस्था के साथ यह सफर करते हुए मैं उम्मीद करती हूं कि इसे मील का पत्थर साबित कर सकती हूं।