Online Desk : चीन से 12 हजार किलोमीटर दूर, जमीन से 24 किलोमीटर ऊपर अमेरिकी क्षेत्र में चीनी गुब्बारा क्या करने गया था? चीन का कहना है कि ये मौसम की जानकारी जुटा रहा था। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने चीन के इस दावे को नकार दिया है।
डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसे गुब्बारे का मकसद मौसम की जानकारी जुटाना या सिर्फ जासूसी करना नहीं है। हो सकता है कि चीन परमाणु हमले के लिए कोई नया तरीका ईजाद कर रहा हो। अमेरिका के डिफेंस एक्सपर्ट एचआई सटन के मुताबिक, ऐसा ही एक गुब्बारा जनवरी 2022 में भारत के ऊपर भी मंडरा चुका है।
चीन के जासूसी गुब्बारे को 28 जनवरी को अमेरिकी एयरपोर्ट जोन में दाखिल होते हुए देखा गया था। इसके बाद वह 3 फरवरी को मोटांना क्षेत्र में उड़ता दिखा। यह अमेरिका का एक न्यूक्लियर मिसाइल क्षेत्र है। सेना को शक था कि गुब्बारे से चीन जासूसी कर रहा है। इसके बाद से उस पर नजर रखी जाने लगी।
इसके बाद शनिवार दोपहर को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बैलून को मार गिराने का आदेश दिया। इसके बाद उस बैलून के ऐसे इलाके में आने का इंतजार किया गया जिससे उसे गिराए जाने पर लोगों को कोई खतरा न हो।
फिर कैरोलिना कोस्ट से 6 मील की दूरी पर सभी तरह के एयर ट्रैफिक को बंद कर दिया गया है। जब बैलून 60 से 65 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था, उस दौरान अमेरिका के एक F-22 फाइटर जेट ने मिसाइल हमले से चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराया।
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