10 January 2025

क्या होती है जीडीपी? कैसे होता है इसका कैलकुलेशन

0
Gdp1
Share This News

News Uttaranchal :  What Is GDP:  देश की अर्थव्यवस्था की जब भी चर्चा की जाती है तो हमेशा एक शब्द जीडीपी (GDP) शब्द जरूर सुना होगा। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को मापने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से…

 

 

क्या है जीडीपी?(What is GDP)

जीडीपी (GDP) की फुल फॉर्म सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) है। यह किसी भी देश में एक निश्चित अवधि के दौरान उत्पादित हुई सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य होता है। आमतौर किसी देश की जीडीपी को मापने के लिए एक वर्ष की अवधि का प्रयोग किया जाता है।

 

 

कैसे हुई GDP की शुरुआत?

माना जाता है कि मौजूदा समय में जिस जीडीपी अवधारणा का उपयोग किया जा रहा है। उसकी शुरुआत 18वीं शताब्दी के अंत में हुई थी। इसे 1934 में अमेरिकी अर्थशास्त्री साइमन कुज्नेत्स द्वारा लोकप्रिय किया गया। 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में देश की अर्थव्यवस्था को मापने की मुख्य पद्धति के रूप में अपनाया गया।

 

 

सकल का क्या मतलब होता है?

सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) में ‘सकल’ का मतलब देश में उत्पादित कुल उत्पाद या सेवा के प्रयोग की परवाह किए बिना गिना जाना है। वस्तु या सेवा का उपयोग किसी भी प्रकार ( जैसे निवेश, उपभोग और संपत्ति) के रूप में किया जा सकता है।

घरेलू का क्या मतलब होता है?

घरेलू का उपयोग किसी देश की भौगोलिक स्थिति में वस्तुओं और सेवाओं का निर्माण किया जा रहा है। उसके लिए उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए अगर अमेरिका की कोई कंपनी भारत में कार बनाकर बेचती है, तो उसके मूल्य को भारत की जीडीपी के आंकड़े में जोड़ा जाएगा।

उत्पाद का क्या मतलब है?

उत्पाद का उपयोग किसी देश में बिक्री किए गए अंतिम उत्पादों और सेवाओं के लिए किया जाता है। बता दें, इसमें वे सामान जिसका उत्पादन हो चुका है, लेकिन बिक्री नहीं हुई है। उसे शामिल नहीं किया जाता है। साथ ही ब्लैक मार्केट, उपयोग की हुई वस्तुओं की बिक्री और वस्तु विनिमय के तहत खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं को शामिल नहीं किया जाता है।

GDP Calculation कैसे करते हैं?

जीडीपी को कैलकुलेशन करने के मुख्य तीन तरीके हैं, जिसमें प्रोडक्शन एप्रोच, एक्सपेंडिचर एप्रोच और इनकम एप्रोच को शामिल किया जाता है। खास बात यह है कि इन तीनों तरीकों से जीडीपी की कैलकुलेशन करने पर नतीजा एक समान ही आता है।

 

 

प्रोडक्शन एप्रोच (Production approach)में उत्पादन के समय सभी वैल्यू एडेड (टोटल सेल्स माइनस इंटरमीडिएट इनपुट का मूल्य) का योग कर जीडीपी का मूल्य निकाला जाता है।

 

 

एक्सपेंडिचर एप्रोच (Expenditure approach) अंतिम उपभोक्ता द्वारा खरीदी गए उत्पादों और सेवाओं का योग का उपयोग कर जीडीपी का मूल्य निकाला जाता है।

 

 

 

इनकम एप्रोच (Income approach) में देश में उत्पादित आय का उपयोग करके जीडीपी के मूल्य को निकाला जाता है।

 

 

 

 

जीडीपी वृद्धि दर (GDP Growth Rate)

जीडीपी वृद्धि दर को प्रतिशत में मापा जाता है। इसकी गणना रियल जीडीपी में मुद्रास्फीति को घटाकर की जाती है। इसे तीमाही और वार्षिक आधार पर निकाला जाता है। यह सकारात्मक या नकारात्मक दोनों हो सकती है।

 

 

जीडीपी प्रति व्यक्ति आय (GDP per Capita)

जीडीपी प्रति व्यक्ति आय को नॉमिनल जीडीपी को देश की जनसंख्या से भाग देकर निकाला जाता है। इससे तय होता है कि देश में प्रति व्यक्ति औसत आय कितनी है। जब किसी वर्ष की जीडीपी की गणना की जाती है ,उसी वर्ष के मध्य की जनसंख्या का आंकड़ा भाग करने के लिए उपयोग किया जाता है।

 

भारत की जीडीपी

भारत की अर्थव्यवस्था का नाम मौजूदा समय दुनिया की सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल किया जाता है। आकार से लिहाज से भारत अर्थव्यवस्था अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

भारतीय जीडीपी का सफर

  • आजादी के समय भारत की जीडीपी 2.7 लाख करोड़ की थी, जो आज बढ़कर 3.17 3.17 ट्रिलियन डॉलर हो गई है।
  • प्रति व्यक्ति आय 1950 में 265 रुपये से बढ़कर 1.97 लाख रुपये पर आ गई है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार 1.82 अरब डॉलर (1951-52) से बढ़कर 561 अरब डॉलर (17 फरवरी, 2023) पर पहुंच गया है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!