उत्तराखंड में दरकते पहाड़: मानसून आते ही थम गई रफ्तार, अब तक 1500 से अधिक सड़कें हुईं बंद, सात पुल क्षतिग्रस्त

Share This News

इस साल मानसून ने उत्तराखंड में धमाकेदार एंट्री की है। एक जुलाई से अब तक प्रदेश में सामान्य से सात प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। इसका सीधा असर सड़कों पर भी पड़ा है। भारी बारिश के चलते पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और दूसरे अन्य कारणों से अब तक 1500 से अधिक सड़कें बंद हो चुकी हैं, जबकि पिछले वर्ष जुलाई के अंत तक यह आंकड़ा मात्र 1400 पहुंचा था।

 

पिछले वर्ष प्रदेश में 15 जून को मानसून सक्रिय हो गया था, जबकि इस बार 25 जून के बाद इसने रफ्तार पकड़ी। हालांकि, इससे करीब चार-पांच दिन पहले से प्री मानसून की बारिश हो चुकी थी। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में मानसून की बारिश हमेशा आफत लेकर आती है। सबसे अधिक कहर सड़कों पर बरसता है। बारिश में स्लिप आने और क्रॉनिक लैंडस्लाइड जोन (अति संवेदनशील) सड़कों के बंद होने का बड़ा कारण बनते हैं।

 

पहले से चिह्नित भूस्खलन क्षेत्रों के अलावा हर साल नए क्रॉनिक जोन विकसित हो रहे हैं, जो सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय हैं। लोनिवि की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक कुल 1,508 सड़कें बंद हो चुकी हैं। इनमें 1,120 सड़कें लोनिवि, सात एनएच और 381 पीएमजीएसवाई की हैं। इनमें से अब तक 1,235 सड़कों को खोला जा चुका है, जबकि 273 अब भी बंद हैं। इन सड़कों को चालू हालत में लाने के लिए 1,776.24 लाख रुपये खर्च होंगे, जबकि पूर्व की हालत में लाने के लिए 3,560.66 लाख रुपये की जरूरत पड़ेगी। यह आकलन लोनिवि की ओर से अपनी रिपोर्ट में किया गया है।

 

सात पुल भी हुए हैं क्षतिग्रस्त
प्रदेश में भारी बारिश के बाद उपजे हालात के कारण सात पुलों को भी नुकसान पहुंचा है। इनको चालू करने के लिए 14 लाख रुपये खर्च होंगे, जबकि पूर्व की हालत में लाने के लिए कुल 337.50 लाख रुपये खर्च होंगे।

 

पुलों और सड़कों पर खर्च होंगे करोड़ों रुपये
अब तक क्षतिग्रस्त हुई सड़कों और पुलों को पूर्व की स्थिति में लाने के लिए सरकार को करोड़ों रखर्च करने पड़ेंगे। सड़कों और पुलों को चालू हालत में लाने के लिए 1790.24 लाख रुपये खर्च होंगे, जबकि पूर्व की हालत में लाने के लिए 3898.15 लाख रुपये की जरूरत पड़ेगी। यह आकलन लोनिवि की ओर से अपनी रिपोर्ट में किया गया है।

 

पिछले कुछ दिनों में हुई लगातार बारिश से सड़कों के बंद होने का सिलसिला बढ़ा है। हालांकि, जिस तेजी से सड़कें अवरुद्ध हुई हैं, उसी तेजी के साथ उन्हें खोलने की कार्रवाई भी की जा रही है। चिह्नित स्थानों पर मानव संसाधन के साथ ही जीपीएस से लैस मशीनों को भी लगाया गया है। शासन स्तर पर प्रत्येक सड़क की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
– डॉ. पंकज गुप्ता, सचिव लोनिवि

admin

Recent Posts

हल्द्वानी में अवैध मदरसों पर दूसरे दिन भी प्रशासन की कार्रवाई जारी

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्यर सिंह धामी के खंडित जिले में प्रशासन ने सोमवार को भी बागान…

5 days ago

सरकारी स्कूलों में 10वीं में अब पांच नहीं 10 विषय होंगे अनिवार्य, एससीईआरटी ने तैयार किया ड्राफ्ट

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 10वीं में अब पांच नहीं, बल्कि 10 विषय अनिवार्य होंगे।…

3 months ago

सीएम धामी ने किया अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का शुभारंभ, 17 देशों से आए प्रतिनिधि

राजधानी देहरादून में आज प्रथम अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन आयोजित हो रहा है। इसके लिए पंजीकृत प्रवासी…

3 months ago

बर्फबारी होते ही पर्यटकों ने किया मसूरी-धनोल्टी का रुख, चकराता में भी उमड़े सैलानी,

रविवार को मसूरी और चकराता में बर्फबारी होते ही पर्यटकों ने पर्यटन स्थलों का रुख…

3 months ago