देहरादून: Cheating Crime: प्रदेश में भर्ती परीक्षा पेपरलीक के एक के बाद एक नए प्रकरण सामने आने के बाद सरकार कठोर नकल विरोधी कानून बनाने जा रही है।
कैबिनेट ने अब भर्ती परीक्षाओं में नकल पर उम्रकैद की सजा का निर्णय लिया है। साथ ही इस षड्यंत्र में लिप्त व्यक्ति या संस्था की संपत्ति जब्त की जाएगी। कैबिनेट के इस निर्णय के अनुसार नकल विरोधी अध्यादेश के ड्राफ्ट को कार्मिक ने विधायी से मंगाया है। इसे संशोधित कर सख्त प्रविधानों को जोड़ा जा रहा है।
प्रदेश में अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के बाद सरकार ने नकल निषेध कानून बनाने की बात कही थी। इससे पहले पेपर लीक और नकल के मामलों में धारा 420, 120 बी अथवा हाइटेक तरीके से नकल होने पर आइटी एक्ट में ही मुकदमें दर्ज करने की व्यवस्था है।
पेपरलीक प्रकरण में सफेदपोश से लेकर शासन, आयोग व अन्य स्तर पर तैनात व्यक्तियों की संलिप्तता के बाद से ही सख्त नकल विरोधी कानून बनाने की पैरवी की जा रही है। बीते नवंबर माह में कार्मिक विभाग ने इसका ड्राफ्ट भी तैयार किया।
इसमें नकल के मामले में दो से तीन साल की सजा और दो साल तक भर्ती परीक्षा से बाहर रखने, पेपरलीक से संबंधित प्रकरण पर पांच से सात साल की सजा और पांच लाख तक जुर्माना, माफिया या गिरोह की भूमिका पर दस साल तक की सजा और दस लाख जुर्माना प्रस्तावित किया गया था।
यह ड्राफ्ट विधायी को मंजूरी के लिए भेजा गया था। अब इस कानून को और सख्त बनाया जाना है। सरकार ने सजा की अवधि के साथ ही जुर्माने की राशि में भी बढ़ोत्तरी की है। इस क्रम में अब पहले तैयार किए गए कानून के ड्राफ्ट में संशोधन कर इसे नए सिरे से तैयार किया जाएगा।
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